देश भर में 660 निर्भया केंद्र खोलेगी सरकार
नई दिल्ली। दुष्कर्म समेत यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद के लिए मोदी सरकार ने अहम कदम उठाया है। उसने देश के सभी 640 जिलों समेत 660 जगहों पर निर्भया केंद्र खोलने का फैसला किया है। इन केंद्रों को दिल्ली दुष्कर्म कांड की शिकार युवती के नाम पर खोला जाएगा। महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की अ
By Edited By: Updated: Thu, 03 Jul 2014 08:48 PM (IST)
नई दिल्ली। दुष्कर्म समेत यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद के लिए मोदी सरकार ने अहम कदम उठाया है। उसने देश के सभी 640 जिलों समेत 660 जगहों पर निर्भया केंद्र खोलने का फैसला किया है। इन केंद्रों को दिल्ली दुष्कर्म कांड की शिकार युवती के नाम पर खोला जाएगा। महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई है।
मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार निर्भया केंद्र की स्थापना पर करीब 477 करोड़ की लागत अनुमानित है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के इस आशय की अवधारणा रिपोर्ट को वित्त विभाग की व्यय समिति से मंजूरी मिल गई है। सुझाव के लिए अब इस रिपोर्ट को कानून, वित्त, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को भेजा गया है। मंत्रालय के उपरोक्त अधिकारी का कहना है कि निर्भया केंद्र के जरिये छेड़छाड़, दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को मदद प्रदान की जाएगी। उन्हें चिकित्सकीय और पुलिस मदद के अलावा मनोवैज्ञानिक और कानूनी मदद भी मुहैया कराई जाएगी। इन केंद्रों के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराने से लेकर उनके उचित इलाज की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्हें एफआइआर दर्ज करवाने में भी निर्भया केंद्र मददगार साबित होगा। कानूनी सलाह देने के अलावा पीड़ित महिला को केंद्र में अस्थायी तौर पर ठहराया भी जाएगा। इस दौरान उसके खानपान और कपड़े वगैरह की व्यवस्था भी केंद्र की ओर से की जाएगी। पीड़ित महिला की ओर से फौरन एफआइआर दर्ज कराया जा सके, इसके लिए एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी की नियुक्ति भी केंद्र में की जाएगी।
इसके अलावा वकीलों का एक पैनल भी निर्भया केंद्र से संबद्ध रहेगा ताकि पीड़ित महिला को जरूरी कानूनी मदद मुहैया कराया जा सके। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शुरुआत में इन केंद्रों को किराए के मकान में खोला जाएगा, जहां पीड़ित महिलाओं के रहने और खाने की व्यवस्था भी की जाएगी। इन केंद्रों की सालाना निगरानी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सचिव के अलावा, गृह और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधि भी इस टास्क फोर्स के सदस्य होंगे। निर्भया केंद्र चौबीस घंटे खुले रहेंगे। इन केंद्रों का प्रबंधन एक स्थानीय समिति के हाथों में होगी, इसमें जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिला जज, बार कौंसिल के अध्यक्ष, सीएमओ, जिला पंचायत अधिकारी और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
सरकार ने यह कदम बदायूं कांड को लेकर केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी द्वारा किए गए वादे के अनुरूप उठाया है। पढ़ें: सीएम से मिले निर्भया के पिता निर्भया दूर करेगा महिलाओं का डर