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बुरे फंसे बाबा रामदेव, एक साथ 81 मुकदमे दर्ज

गुरु की गुमशुदगी, उत्पादों की गुणवत्ता, विदेश में संपत्ति के मामलों में जांच का सामना कर रहे योगगुरु रामदेव पर उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने एक दिन में ही इक्यासी मुकदमे लाद दिए हैं। सरकार ने रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट पर हरिद्वार में बेनामी संपत्ति, सरकारी जमीन पर कब्जा और सरकारी भूमि के दुरुपयोग के मामलों में ये मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें दस करोड़ से अधिक की स्टांप ड्यूटी चोरी के 52 मामले शामिल हैं। सरकार भूमि के दुरुपयोग के 27 मामलों में पतंजलि

By Edited By: Updated: Thu, 21 Nov 2013 07:56 AM (IST)
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जागरण ब्यूरो, देहरादून। गुरु की गुमशुदगी, उत्पादों की गुणवत्ता, विदेश में संपत्ति के मामलों में जांच का सामना कर रहे योगगुरु रामदेव पर उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने एक दिन में ही इक्यासी मुकदमे लाद दिए हैं। सरकार ने रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट पर हरिद्वार में बेनामी संपत्ति, सरकारी जमीन पर कब्जा और सरकारी भूमि के दुरुपयोग के मामलों में ये मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें दस करोड़ से अधिक की स्टांप ड्यूटी चोरी के 52 मामले शामिल हैं। सरकार भूमि के दुरुपयोग के 27 मामलों में पतंजलि को दी गई जमीन वापस लेकर उसे सरकारी संपत्ति में निहित करेगी। इनके साथ ही ग्राम सभा की भूमि कब्जाने के दो मामलों में भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि बाबा रामदेव उत्तराखंड में पतंजलि के नाम का दुरुपयोग कर रहे थे। डीएम हरिद्वार ने इसकी जांच के बाद मुकदमे दर्ज करने की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी सरकार कार्रवाई करेगी। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि हरिद्वार के जिलाधिकारी को पतंजलि योगपीठ की जमीनों के क्रय, इनके इस्तेमाल व कब्जों को लेकर शिकायतें मिली थीं। उन्होंने इस मामले की जांच के बाद पाया कि पतंजलि योगपीठ ने पिछले कुछ वर्षो में खरीदी गई भूमि में भारी घोटाला किया है। जमीनों को सरकार से जिन कारणों को बताते हुए क्रय किया गया लेकिन मौके पर वहां कुछ और ही कार्य हो रहे हैं। यह नियम व शर्तो का साफ उल्लंघन है। इसे देखते हुए सरकार ने इन मामलों में मुकदमे दर्ज करने के साथ ही उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि रामदेव हमेशा नैतिकता की बात करते हैं, अब ऐसी अनैतिकता की बात होगी तो फिर समस्या तो होगी ही। उन्हाेंने कहा कि इतनी गड़बड़ी बिना अधिकारियों की मिलीभगत के नहीं हो सकती। ऐसे में यह देखा जा रहा है कि किसकी मिलीभगत से यह कार्य हुआ है। उल्लेखनीय है कि है कि बाबा के नजदीकी आचार्य बालकृष्ण फर्जी पासपोर्ट बनवाने और बाबा के भाई रामबरन मारपीट व अपहरण के एक मामले का सामना कर रहे हैं।

ये हैं प्रमुख मामले

-सांतरशाह और औरंगाबाद ग्रामसभा की 7.766 एकड़ भूमि पर नाजायज कब्जा।

-कब्जे में होने वाली कई जमीनें बेनामी।

-पतंजलि विश्वविद्यालय के नाम खरीदी गई 387.5 एकड़ जमीन में केवल 20 एकड़ में ही विश्वविद्यालय, शेष खाली। शेष भूमि का होगा अधिग्रहण।

-मुस्तफाबाद में पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क के नाम पर सरकार से बिना अनुमति के खरीदी गई जमीन। सरकार में निहित होगी जमीन।

-मुस्तफाबाद में ही आयुर्वेदिक दवा बनाने और शोध के लिए 141.17 एकड़ जमीन खरीदने की अनुमति। इसका इस्तेमाल पतंजलि के आटा, तेल, जूस, शहद, साबुन बनाने में किया जा रहा था प्रयोग।

-जांच में दस करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी के 52 मामलों का खुलासा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन नहीं रुकेगा : बालकृष्ण

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार द्वारा 81 मुकदमे दर्ज करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी शासन- प्रशासन की ओर से इस मामले में हमारे पास कोई अधिकृत जानकारी या सूचना नहीं आई है। राज्य की कांग्रेस सरकार जिस तरह पतंजलि को निशाना बना रही है, उसके आगे झुका नहीं जाएगा। कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन हर हाल में जारी रहेगा। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कांग्रेस जो कर रही है, वह कोई नई बात नहीं हैं।

कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारा आंदोलन शुरू होने के बाद से ऐसा होता चला आ रहा है। सरकार ने केवल 81 मामलो में ही हम पर मुकदमा दर्ज कराया है। मुझे लगता है कि इसमें उनसे कोई गलती हुई है या फिर वे शून्य लगाना भूल गए हैं, अच्छा होता कि वे 810 मुकदमे दर्ज कराते।

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