रामलला का नहीं हो सकता बंटवारा: वासुदेवानंद
राम का चिंतन हमेशा करना चाहिए। हमारे जीवन का वास्तविक निहितार्थ राम के सतत स्मरण में है। मेरा पूरा विश्वास है कि अयोध्या में भव्य रामलला का मंदिर बनेगा।
इलाहाबाद। राम का चिंतन हमेशा करना चाहिए। हमारे जीवन का वास्तविक निहितार्थ राम के सतत स्मरण में है। मेरा पूरा विश्वास है कि अयोध्या में भव्य रामलला का मंदिर बनेगा।
यह उद्गार ज्योतिर्मठ बद्रिका आश्रम के जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने रविवार को अलोपीबाग स्थित आश्रम में पत्रकार वार्ता में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि राममंदिर के भव्य निर्माण की कामना प्रत्येक भारतीय की है। हरिद्वार में सभी संतों ने हनुमत शक्ति जागरण से मंदिर निर्माण का निर्णय किया था। इसका असर यह रहा कि हाईकोर्ट से निर्णय हमारे पक्ष में गया।
अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है लेकिन रामलला का बंटवारा नही हो सकता। मंदिर निर्माण होकर रहेगा। राम तो जन-जन के आदर्श हैं उनकी जन्मभूमि का बंटवारा स्वीकार्य नहीं है।
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