Move to Jagran APP

दादा का बजट, जेब पर भारी..!

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को पेश आम बजट में आम आदमी को जोर का झटका धीरे से दे दिया। उन्होंने एक तरफ आयकर की सीमा बढ़ाकर राहत देने की कोशिश की, वहीं दूसरी तरफ सर्विस टैक्स बढ़ाकर आम आदमी की जेब पर कैंची चला दी।

By Edited By: Published: Fri, 16 Mar 2012 12:49 PM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2012 09:38 AM (IST)
दादा का बजट, जेब पर भारी..!

नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को पेश आम बजट में आम आदमी को जोर का झटका धीरे से दे दिया। उन्होंने एक तरफ आयकर की सीमा बढ़ाकर राहत देने की कोशिश की, वहीं दूसरी तरफ सर्विस टैक्स बढ़ाकर आम आदमी की जेब पर कैंची चला दी।

loksabha election banner

संसद में आम बजट 2012-13 को पेश करते हुए प्रणब ने कहा कि आर्थिक सुधारों के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी है। प्रणब ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद थी पर नहीं हुई। 110 मिनट तक चले बजट भाषण में उन्होंने कहा कि यदि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तो विश्व की अर्थव्यस्था को स्थिरता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन निराशाजनक है, परंतु इसमें आगे सुधार के संकेत दिखने लगेंगे।

उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले कुछ महीनों में महंगाई की दर में गिरावट आने के बाद और उसमें स्थिरता आएगी। उन्होंने बताया कि भारत ने सफलतापूर्वक आयात निर्यात की विविधीकरण में सफलता हासिल की और अमेरिका सहित दुनिया के विभिन्न देशों के साथ कारोबार में बढ़ोतरी हुई।

चालू खाते का घाटा सकल विकास दर [जीडीपी] का 3.6 प्रतिशत रहेगा। 2012-13 में जीडीपी दर 7.6 प्रतिशत रहेगी। देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में बदलाव हो रहा है और लगता है कि विनिर्माण क्षेत्र पुनर्जीवित हो रहा है।

उन्होंने बताया कि अगले तीन साल में केंद्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि सुधारों की गति तेज करनी होगी। काले धन और भ्रष्टाचार की समस्याओं से निपटने के लिए आपूर्ति प्रणाली सुधारने के उद्देश्य से तेजगति से फैसले लेने होंगे।

उन्होंने बताया कि विनिवेश के 40 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड़ रुपये ही जुटाए जा सके। मल्टी ब्राड खुदरा क्षेत्र में एफ डीआई पर राज्यों के साथ सहमति बनाने के प्रयास जारी है। उन्होंने बताया कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1 प्रतिशत तक लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

खाद्य सुरक्षा विधेयक के उद्देश्य हासिल करने के लिए दिसंबर तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली आधार कार्ड के जरिए लागू होगी।

स्वयं सहायता महिला समूहों को तीन लाख रुपये तक के बैंक कर्ज सात प्रतिशत ब्याज दर पर मिलेंगे। जिसमें समय पर कर्ज लौटाने वालों को चार प्रतिशत पर कर्ज मिलेगा।

12वीं योजना के दौरान बुनियादी ढाचा क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर कर 50 लाख करोड़ रुपये होगा, जिसमें से आधी रकम निजी क्षेत्र से आएगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के तहत 8800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो का विकास किया जाएगा। 70 हजार गावों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई। ढाई करोड़ खाते चालू होंगे।

राजीव गांधी के नाम पर बचत योजना में 50 हजार रुपये तक के निवेश पर आयकर में रियायत। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश से 2012-13 के दौरान 30 हजार करोड़ रुपये जुटाएगी।

कंपनियों के लिए 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक के आईपीओ इलेक्ट्रानिक जरियों से लाने होंगे। अंशधारक इलेक्ट्रानिक जरिए से ही कर सकेंगे वोटिंग। प्रत्यक्ष कर संहिता [डीटीसी] विधेयक जल्द से जल्द लागू किया जाएगा।

अगले वित्त वर्ष के दौरान बुनियादी ढाचा क्षेत्र का वित्तपोषण बढ़ाकर 60 हजार करोड़ रुपये करने के लिए सरकार कर मुक्त बाड दोगुने करेगी।

पूर्वी भारत में हरित क्रांति के कारण खरीफ सत्र में 70 लाख टन से अधिक धान की उपज हुई। अगले पाच साल में भारत यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। खेतीबाड़ी के लिए कर्ज 5.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य, जो पिछली बार से एक लाख करोड़ रुपये अधिक है। आने वाले वर्षो में पांच प्राथमिकताओं में कुपोषण, काले धन और सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से निपटना शामिल। 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान आधारभूत संरचना के विकास के लिए 50 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता, जिसमें से आधा निवेश निजी क्षेत्र से होगा। लघु वित्ता संस्थाओं, राष्ट्रीय भूमि बैंक एवं सार्वजनिक ऋण प्रबंधन से संबंधित विधेयकों को 2012-13 के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और नाबार्ड में वर्ष 2012-13 में 15,888 करोड़ रुपये डाले जाएंगे।

नई इक्विटी बचत योजना के तहत 10 लाख रुपये की वार्षिक आय वालों को शेयर बाजार में 50,000 रुपये के निवेश पर आयकर में 50 फीसदी की छूट।

बजट के महत्वपूर्ण बिंदु:-

-सब्सिडी घटाने पर सरकार का जोर

-पेट्रोल पर सब्सिडी घटाने का संकेत

-सीधे ग्राहक तक पहुंचनी चाहिए सब्सिडी

-सब्सिडी को जीडीपी का 2 फीसदी रखा जाए

-एफडीआई पर आम सहमति की कोशिश

-जीएसटी अगस्त 2012 से लागू होगा

-30,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य

-राजीव गांधी इक्विटी योजना लागू होगी

-डीटीसी पर टैक्स का बोझ कम होगा

-रोजमर्रा के खर्च के लिए विदेश से कर्ज ले सकेंगी एयरलाइनें

-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव

-बजट सत्र में राष्ट्रीय आवास बैंक विधेयक, सिडबी संशोधन विधेयक, नाबार्ड संशोधन विधेयक पेश होंगे

-छोटे निवेशकों को शेयर निवेश पर आयकर में रियायत देने की नई योजना का प्रस्ताव

-कृषि और सहकारिता क्षेत्र के बजट में 18 प्रतिशत की वृद्धि

-विदेशी एयरलाइनों को भारत में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कार्य करने की अनुमति देने पर विचार

-दो नए मेगा हथकरघा क्लस्टर आध्रप्रदेश और झारखड में खुलेंगे

-किसानों को सात प्रतिशत ब्याज पर रियायती फसली ऋण योजना जारी रहेगी

-राज्यों के साथ मिलकर खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय मिशन शुरू होगा

-दिसंबर 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क कंप्यूटरीकृत होगा

-मिड डे मील योजना के लिए 11937 करोड़ रुपये।

-सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये

-रक्षा सेवाओं के लिए 1,93,407 करोड़ का बजट

-अ‌र्द्धसैनिक बलों के लिए 4000 मकान बनेंगे

-काले धन पर श्वेत पत्र आएगा

-काला धन वापस लाने पर 82 देशों से समझौते

-आधार कार्ड का काम जारी रहेगा

-7 लाख 71 हजार करोड़ रुपये टैक्स से जुटाए

-लघु व मध्यम उद्योग पर 5 हजार करोड़ का खर्च होगा

-पीडीएस का कंप्यूटरीकरण होगा

-नई सार्वजनिक वितरण प्रणाली बनेगी

-शिक्षा पर 25,500 करोड़ का खर्च होगा

-एम्स के अंतर्गत 7 मेडिकल कालेज आएंगे

-पेयजल व शौचालय पर 14 करोड़ व्यय होगा

-आयकर की छूट सीमा 2 लाख तक बढ़ाई गई

-सिंचाई क्षेत्र में 300 से 400 करोड़ का व्यय होगा

-राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन शुरू होगा

-राष्ट्रीय पिछड़ा क्षेत्र अनुदान योजना का परिव्यय बढ़ाकर 12040 करोड़ रुपये

-छात्रों को मिलेगी क्रेडिट गारंटी फंड की सुविधा

-सर्विस व एक्साइज ड्यूटी में 2 फीसदी की वृद्धि

-कुछ सेवाओं को छोड़ कर बाकी सब पर सर्विस टैक्स

-44 फीसदी अधिक राजमार्ग परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य

-सस्ते मकान बनाने वाली कंपनियों को विदेशी वाणिज्यक ऋण लेने की अनुमति

-विनिवेश से 30,000 करोड़ रुपये प्राप्त करने का लक्ष्य

-ग्रामीण बुनियादी ढाचा विकास के लिए 20 हजार करोड़

-राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 20822 करोड़

-राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के लिए 1000 करोड़

-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 3915 करोड़ रुपये

-11वीं योजना के दौरान सकल योजनागत परिव्यय के 99 प्रतिशत का उपयोग

-आधार में शामिल होंगे 40 करोड़ लोग

-चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहा

-राजस्व घाटा 2,85,752 करोड़ रुपये

-2011-12 में शुद्ध कर प्राप्तिया 771071 करोड़ रुपये

-गैर योजनागत व्यय में 969900 करोड़ रुपये रहने का अनुमान

-प्रत्यक्ष कर वसूली चालू वित्त वर्ष में 32000 करोड़ रुपये कम रही

-कंपनी कर में कोई बदलाव नहीं

-केंद्र का कुल कर्ज जीडीपी का 45 फीसदी

-प्रतिभूति क्रय विक्रय क र की दर घटाई गई

-उत्पाद एवं सेवा कर के लिए साझा कर संहिता बनाने का विचार

-सेवा कर प्रस्तावों से 18660 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व वसूली का अनुमान

-सीमा शुल्क की अधिकतम दरों में कोई तब्दीली नहीं

-उर्वरक संयंत्रों के लिए उपकरणों के आयात को तीन साल के लिए सीमा शुल्क से छूट

-बिजली उत्पादन में काम आने वाली प्राकृतिक गैस, एलएनजी, यूरेनियम को दो साल के लिए सीमा शुल्क से छूट

-आयोडीन के आयात पर शुल्क घटा

-सड़क और राजमार्ग निर्माण में काम आने वाले उपकरणों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट

-सोने और प्लेटिनम का आयात मंहगा

-हाथ से निर्मित माचिसों पर उत्पाद शुल्क घटकर छह फीसदी

-कीमती विदेशी कारों का आयात महंगा

-चादी के ब्राडेड आभूषण उत्पाद शुल्क से पूरी तरह मुक्त

-सभी प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थो पर उत्पाद शुल्क छह फीसदी

-अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से 44940 करोड़ रुपये की आय का अनुमान

-प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से 4500 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान

-समेकित बाल विकास योजना के लिए 15850 करोड़

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.