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हज सब्सिडी पर भारी रकम खर्च करती है सरकार

भारत सरकार प्रत्येक वर्ष 600 करोड़ रुपये से ज्यादा हज सब्सिडी पर खर्च करती है जिसका फायदा लगभग 1.25 लाख हाजी हर वर्ष उठाते है। पिछले पांच वर्षो मे भारत ने हज यात्रा पर करीब 2,891.71 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की है।

By Edited By: Updated: Tue, 08 May 2012 03:17 PM (IST)
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नई दिल्ली। भारत सरकार प्रत्येक वर्ष 600 करोड़ रुपये से ज्यादा हज सब्सिडी पर खर्च करती है जिसका फायदा लगभग 1.25 लाख हाजी हर वर्ष उठाते हैं। पिछले पांच वर्षो में भारत ने हज यात्रा पर करीब 2,891.71 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की है।

पिछले वर्ष भारत सरकार ने हज यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को एयर इंडिया की हवाई यात्रा में 38,800 रुपये प्रति श्रद्धालु की सब्सिडी दी थी। वर्ष 1994 में यही सब्सिडी महज पांच हजार रुपये थी। 1994 में भारत सरकार ने इस यात्रा के लिए साढे़ दस करोड़ की सब्सिडी दी थी, जबकि वर्ष 2011 में यही बढ़कर 685 करोड़ रुपये हो गई है।

गौरतलब है कि भारत हज सब्सिडी पर हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करता है। यह सब्सिडी हज यात्रियों को एयर इंडिया के हवाई सफर पर दी जाती है। वर्ष 2009 से 2011 तक भारत ने हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी पर लगभग उन्नीस सौ करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

भारत सरकार ने वर्ष 2009 में कुल 1,20131 श्रद्धालुओं को हज यात्रा पर भेजा था, जिसके लिए कुल 609 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी। वहीं वर्ष 2010 में 1,26191 श्रद्धालुओं पर 600 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी। वर्ष 2011 में 1,25051 श्रद्धालुओं पर 605 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी।

इस दौरान वर्ष 2009 में 3,57338, वर्ष 2010 में 3,00680 और वर्ष 2011 में 3,02616 श्रद्धालुओं ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया था। गौरतलब है कि भारत ने अपनी नई नीति के तहत जीवन में केवल एक बार हज यात्रा पर सब्सिडी देने का फैसला किया था।

हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी की शुरुआत के पीछे सरकार का मकसद कमजोर तबके के लोगों को पवित्र मक्का मदीना के दर्शन कराना था। इस्लाम में मक्का, मदीना जाना बहुत अच्छा माना जाता है। लेकिन दूरी के चलते कई मुस्लिम वहां तक जाने का केवल ख्वाब ही संजो सकते थे। इसको खत्म करने के लिए ही भारत सरकार ने हज यात्रा पर सब्सिडी देने की शुरुआत की थी। इसके लिए सऊदी अरब और भारत के बीच समझौते भी किए गए थे।

हज यात्रा पर सब्सिडी को लेकर पहले भी सवाल उठाए जाते रहे हैं। कई सांसद इसको गैर इस्लामिक करार दे चुके हैं। जमात उलेमा ए हिंद के जनरल सेक्रेट्री और सांसद मौलाना महमूद मदनी, मजलिस ए एतेहादुल मुस्लिमीन के सांसद असदुद्दीन ओवाईसी समेत कई सांसदों ने हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी का यह कहते हुए विरोध किया है कि यह कुरान और शरियत के खिलाफ है। सांसद ओवाईसी ने तो यहां तक कहा कि सरकार को इस सब्सिडी को तुरंत खत्म कर देना चाहिए। इसके लिए दस साल की मियाद गलत है। उन्होंने कहा कि इस सब्सिडी की रकम को सरकार को मुस्लिम लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च करना चाहिए जिससे वह विकास कर सकें।

गौरतलब है कि दुनिया में फिलहाल केवल भारत में ही हज यात्रा पर सब्सिडी दी जा रही है। इससे पूर्व पाकिस्तान में दी जाने वाली सब्सिडी को गैर-इस्लामिक करार देते हुए वहां की सुप्रीम कोर्ट ने बंद करवा दिया था। मौजूदा दौर में केवल भारत इस सब्सिडी को बनाए रखे है।

कब दी गई कितनी सब्सिडी :-

वर्ष रुपये 2000-01 में 170 करोड़, 2001-02 में 173 करोड़, 2002-03 172 में करोड़, 2003-04 में 160 करोड़, 2004-05 में 198 करोड़, 2005-06 में 290 करोड़, 2008-09 में 884 करोड़, 2009-10 में 690 करोड़

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