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मराठवाड़ा में 45 दिनों में 93 किसानों ने की आत्‍महत्‍या!

पिछले 45 दिनों में 93 आत्‍महत्‍या के मामले! साल 2015 मराठवाड़ा क्षेत्र के लोगों के लिए पहाड़ की तरह बीत रहा है। यहां पिछले 45 दिनों में 93 किसान आत्‍महत्‍या कर चुके हैं। मराठवाड़ा क्षेत्र में काम रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को कहना है कि किसानों की इन आत्‍महत्‍याओं के पीछे

By Tilak RajEdited By: Updated: Thu, 19 Feb 2015 02:01 PM (IST)
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नई दिल्ली। पिछले 45 दिनों में 93 आत्महत्या के मामले! साल 2015 मराठवाड़ा क्षेत्र के लोगों के लिए पहाड़ की तरह बीत रहा है। यहां पिछले 45 दिनों में 93 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। मराठवाड़ा क्षेत्र में काम रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसानों की इन आत्महत्याओं के पीछे मौसम और सरकार की ओर से मिलने वाले मुआवजे में देरी है।

क्षेत्र के सरकारी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, मराठवाड़ा क्षेत्र में एक जनवरी 2015 से अब तक 93 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। पिछले साल इसी क्षेत्र में 569 किसानों ने आत्महत्या की थी, वहीं 2013 में 207 किसानों ने मौत को गले लगाया था। प्रशासन द्वारा गठित एक समिति जब इस क्षेत्र में किसानों की आत्महत्या करने की जांच करने पहुंची, तो सामने आया कि आत्महत्या करने वाले ज्यादातर किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे

संभागीय आयुक्त उमाकांत डंगत बताते हैं कि प्रशासन के सामने किसानों की आत्महत्याओं को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है। एक ही फसल उगाए जाने वाले इस क्षेत्र में फसल खराब होने के बाद कर्ज के तले दबे किसानों का यहां आत्महत्या करना एक सामान्य-सी बात हो गई है।

हमारे देश की यह सबसे बड़ी विडंबना है कि अन्न पैदा कर देशवासियों का पेट भरने वाला किसान खुद भूखा रहता है। देश में ज्यादातर जगह किसान तंगहाली में जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर हैं।

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