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रमन राज में भूख से तड़प-तड़प कर 5 साल के बच्चे की मौत

सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड मुख्यालय नर्मदापुर निवासी पांच वर्षीय बच्चे की भूख से हुई मौत ने सभी को दहला दिया है। मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने जहां समिति बनाई है वहीं प्रशासन भी हरकत में आया है। शनिवार को लापता मृत बच्चे के बड़े भाई को सीतापुर

By anand rajEdited By: Updated: Sun, 24 May 2015 09:01 AM (IST)
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अंबिकापुर। सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड मुख्यालय नर्मदापुर निवासी पांच वर्षीय बच्चे की भूख से हुई मौत ने सभी को दहला दिया है। मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने जहां समिति बनाई है वहीं प्रशासन भी हरकत में आया है। शनिवार को लापता मृत बच्चे के बड़े भाई को सीतापुर से बरामद कर लिया गया।

कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारियों ने मृत बच्चे के घर पहुंच बयान दर्ज किया। माझी जनजाति के इस अत्यंत गरीब परिवार का राशन कार्ड सत्यापन के दौरान 10 माह पूर्व प्रशासन ने निरस्त कर उन्हें दाने-दाने को मोहताज कर दिया। मामले में जिम्मेदारी लेने न तो जिले के अधिकारी तैयार हैं न क्षेत्र के जनप्रतिनिधि।

दाने-दाने को मोहताज परिवार का मुखिया अपने तीन मासूम बच्चों के साथ काम की तलाश में पैदल ही सीतापुर क्षेत्र में पहुंच गया था और वहां भी उम्मीद नहीं दिखने पर वे वापस लौट रहे थे। मृत बच्चे का सबसे बड़ा 9 वर्षीय भाई को शनिवार को सीतापुर पुलिस ने परिचित के घर से बरामद कर लिया है।

जानकारी के अनुसार विकासखंड मैनपाट के नर्मदापुर खालपारा निवासी संगतराम मांझी अपने तीनों पुत्र राजाराम 9 वर्ष, सरवन 6 वर्ष एवं शिवकुमार 5 वर्ष के साथ रोजी-रोटी की तलाश में मंगलवार को पैदल ही सीतापुर आया था। संगतराम के पत्नी की करीब तीन वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है एवं बच्चों का पालन पोषण संगतराम माझी ही करता था। संगत राम माझी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर रहा था। उसके परिवार की मुसीबत राशन कार्ड सत्यापन के दौरान बढ़ गई जब उसके राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया। राशन कार्ड में तो राशन कार्ड सत्यापन के लिए पहुंचे करारोपण अधिकारी केके देवांगन के दल ने सत्यापन कर दिया,लेकिन खाद्य विभाग के नेट की सूची में राशन कार्ड को निरस्त बता काट दिया गया। इससे पूरा परिवार दाने-दाने को मोहताज हो गया। मजदूरी की खोज में संगतराम अपने तीन बच्चों के साथ पैदल ही सीतापुर अपने परिचित धनसू माझी के घर पहुंचा।

धनसू माझी सीतापुर में मजदूरी करता है। धनसू माझी ने संगतराम को बताया कि सीतापुर में फिलहाल कोई काम नहीं है तो वह अपने तीन बच्चों के साथ पीड़िया जाने के लिए निकला,लेकिन रास्ते में बच्चे भटक गए। संगतराम की मानसिक स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं होने के कारण वह बच्चों की निगरानी नहीं कर सका एवं बच्चे जंगल में भटक दो बच्चे सरवन एवं शिवकुमार कतकालो डूमरपारा पहुंच गए। ज्यादा रात होने की वजह से दोनों सुनसान इलाके में स्थित सेमर पेड़ के नीचे पड़े रहे। शुक्रवार की सुबह शिवकुमार की भूख से मौत हो गई वहीं उसके भाई सरवन की हालत गंभीर थी।

गांव की एक महिला ने उन्हें देखकर सूचना बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता रीतेश गुप्ता को दी। ग्रामीणों ने मासूम सरवन को खाना खिलाया तथा उसकी देखभाल शुरू की। उसे बाद में अस्पताल में शिफ्ट किया गया। जीवित बचे सरवन के मुताबिक उसके छोटे भाई शिवकुमार ने उससे खाना-पानी मांगा था परंतु उसकी भी हालत खराब हो चुकी थी। इसी बीच शिवकुमार भूख से तड़पने लगा और उजाला होने से पहले उसकी सांसे थम गई।

बड़ा बेटा सीतापुर में मिला

वहीं मामले में हड़कंप मचने के बाद शनिवार को कलेक्टर के निर्देश पर मृत बच्चे के लापता बड़े भाई राजाराम 9 वर्ष की खोजबीन शुरू की गई एवं उसे सीतापुर में धनसू राम के घर से बरामद कर लिया गया। वहीं डिप्टी कलेक्टर एवं उज्जवल पोरवार सहित महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी श्रीरवि, खाद्य निरीक्षक सतपाल सिंह सहित जनपद अध्यक्ष अटल यादव व अधिकारी मृत बच्चे के घर पहुंचे।

पूछताछ में पता चला कि संगतराम की पत्नी की मौत के बाद वह ही बच्चों का पालन पोषण कर रहा था। वह गांव में ही एक शिक्षक के घर मजदूरी करता था। अच्छी मजदूरी मिलने के उम्मीद में संगतराम बच्चों को लेकर मंगलवार को सीतापुर आया था एवं गुरूवार को वे वापस लौट रहे थे। रास्ते में संगतराम भी भटक गया था,जिसे उसके भाई ने खोज लिया एवं उसे लेकर घर पहुंच गया। बच्चों को वे नहीं खोज पाए।

जून 2014 के बाद नहीं मिला राशन

माझी जनजाति के संगतराम के नाम से नीला राशन कार्ड बना हुआ था,जिसमें परिवार को 9 जून 2014 को अंतिम बार राशन मिल सका था। सत्यापन के दौरान संगत राम माझी का राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया। उसके राशन कार्ड में सत्यापित की मुहर लगाई गई,लेकिन इंटरनेट की सूची में कार्ड को निरस्त बता दिया गया। कार्ड का सत्यापन करारोपण अधिकारी केके देवांगन के दल ने किया था। नेट सूची में नाम हट जाने के कारण परिवार को राशन मिलना बंद हो गया।

संगतराम ने सरपंच व सचिव से गुहार लगाई,लेकिन राशन कार्ड में नाम नहीं जुड़ सका। मृत बच्चे के घर पहुंचने पर पता चला कि संगतराम की मानसिक स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं है। संगतराम व बड़ा पुत्र राजाराम मजदूरी कर रोज चावल खरीद कर लाते थे एवं खाना राजाराम बनाता था। मंगलवार को परिवार सीतापुर जाने के लिए निकला था। जनपद सीईओ उज्जवल पोरवाल को अन्य ग्रामीणों का भी राशन कार्ड निरस्त होने की सूचना मिली तो उन्होंने रविवार को गांव में कैंप लगाने के निर्देश दिए।

कोरवाओं के सहयोग से सीतापुर पहुुंचा राजाराम

सीतापुर से बरामद हुए राजाराम ने बताया कि उसके पिता संगतराम आगे निकल गए थे एवं वे गर्मी में कुछ अजीब हरकतें कर रहे थे। वह भी पिता से बिछुड़कर भटककर पीडिया के कोरवा बस्ती पहुंच गया था,जहां कोरवा परिवारों की मदद से वह वापस सीतापुर परिचित धन्सू राम के घर पहुंचा। वह भटके अपने दो भाईयों को नहीं खोज पाया। राजाराम ने बताया कि राशन मिलना बंद होने के बाद परिवार का मुश्किल से गुजारा होता था।

बुधवार की रात उन्होंने धन्सू के घर खाना खाया था एवं गुरूवार सुबह वे पीड़िया के लिए निकल गए थे। उसके दोनों भाईयों ने कुछ भी नहीं खाया था एवं भटकने के बाद राजाराम भी बेहाल था। कोरवा बस्ती पहुंच जाने पर उसे खाना व सहायता मिल गई।

कांग्रेस ने बनाई जांच समिति

बच्चे की भूख से मौत मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने जांच समिति बनाई है। जांच समिति में विधायक अमरजीत भगत, पूर्व मंत्री डा.प्रेमसाय सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय अग्रवाल, प्रदेश सचिव शफी अहमद,प्रदेश उपाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक शामिल हैं। वे एक-दो दिनों में मैनपाट पहुंच मामले की जांच करेंगे एवं रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को देंगे।

पांच बच्चे भेजे जाएंगे सन्मार्ग-कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर संगतराम के परिवार की स्थिति एवं उसकी मानसिक हालत को देखते हुए उसके बचे दोनों बच्चों एवं पड़ोस में एक परिवार के तीन बच्चों को सन्मार्ग भेजा जाएगा। पड़ोस के तीन बच्चों की मां की हत्या पिता ने कर दी थी एवं पिता जेल में है। उनके तीनों बच्चे भी सन्मार्ग भेजे जाएंगे।

सत्यापन समिति के रिपोर्ट के आधार पर राशन कार्ड निरस्त हुए हैं। राशन कार्ड निरस्त करने के बाद आ रही दावा आपत्ति का निराकरण अब तक किया जा रहा है। इस मामले में शायद दावा आपत्ति नहीं आई होगी। दावा आपत्ति आने पर राशन कार्ड फिर से इंटरनेट सूची में आ सकता है। सत्यापन समिति की रिपोर्ट पर ही नाम कटा है। जीएस राठौर, जिला खाद्य अधिकारी,सरगुजा

संपूर्ण जवाबदेही जिला प्रशासन की है,यदि किसी विभाग की गड़बड़ी से कोई परिवार राशन से वंचित होता है। कांग्रेस ने बच्चे की मौत की जांच के लिए समिति बनाई है। सोमवार को मामले की जांच कर तस्दीक की जाएगी कि बच्चे की मौत किन परिस्थितियों में हुई। पूर्व में भी गलत तरीके से राशन कार्ड निरस्त होने और लोगों को राशन नहीं मिल पाने की शिकायत आने पर अधिकारियों से चर्चा कर व्यवस्था सुधारने कहा गया,लेकिन इसमें गड़बड़ी दूर नहीं हो पाई। मैं भी अभी क्षेत्र में नहीं हूं। जांच के बाद ही बता पाएंगे कि इस मामले में हुआ क्या है?

अमरजीत भगत, विधायक सीतापुर

बच्चे की मौत परिस्थितिजन्य कारणों से हुई है। वे पिता से अलग होकर भटक गए थे एवं किसी मानव बस्ती तक नहीं पहुंच सके,इसके कारण उन्हें सहायता नहीं मिल पाई। गर्मी में बच्चों के साथ ऐसी स्थिति होने के कारण बच्चे की दुखद मौत हुई। प्रशासनिक अधिकारियों को मृत बच्चे के घर भेजा गया था,उनकी मां नहीं है,जिसके कारण बच्चों का लालन पालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। उसके पिता की भी मानसिक स्थिति को देखते हुए उनके दो अन्य बच्चों को एवं गांव के ही तीन बच्चों को जिनकी मां नहीं है उनके बेहतर परवरिश की व्यवस्था प्रशासन करा रहा है। पहले प्रशासन के पास कोई जानकारी आती तो निश्चित उनकी व्यवस्था की जाती। राशन कार्ड निरस्तीकरण को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश है कि तेजी से निरस्त राशन कार्डों में पात्रों की तस्दीक कराएं एवं पात्रों का राशन कार्ड तत्काल जोड़ा जाए।

श्रीमती ऋतु सैन, कलेक्टर,सरगुजा

साभारः नई दुनिया

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