7 साल होती है एक आतंकी की उम्र, मेरा बेटा 6 साल तक जिंदा रहा: मुजफ्फर वानी
मुजफ्फर वानी ने अपने बेटे और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत पर कहा कि 'अल्लाह कहते हैं कि हमारे खिलाफ आवाज उठाने वालों का जो विरोध करता है वो कभी नहीं मरता
नई दिल्ली। एनकाउंटर में मारे गए बुरहान वानी के पिता को लंबे समय से बेटे के मरने का इंतजार था। चौंकिए मत, बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी ने तीन महीने पहले अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा था कि एक आतंकी की उम्र सात साल से ज्यादा नहीं होती है और उनका बेटे को आतंकी बने 6 साल हो चुके हैं और उन्हें पता है कि उनके बेटे के मरने की खबर कभी भी आ सकती है।
मुजफ्फर वानी ने अपने बेटे और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत पर कहा कि 'अल्लाह कहते हैं कि हमारे खिलाफ आवाज उठाने वालों का जो विरोध करता है वो कभी नहीं मरता और इसलिए हम उसे शहीद कहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि कश्मीर में कई मांओं ने बुरहान की याद और सम्मान में अपने बच्चे का नाम बुरहान रख दिया है।
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बुरहान वानी के अंतिम संस्कार के बाद मुजफ्फर वानी ने लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि बुरहान कैसे आतंकी बना। लुरगाम के हायर सैकेंड्री स्कूल में हैडमास्टर मुजफ्फर वानी ने कहा कि साल 2010 में जबसे उनका बेटा आतंकी बना तबसे उन्हें उसकी चिंता नहीं थी कि वो कैसे रहेगा? कहां खाएगा? बीमार होगा तो कौन उनकी देखभाल करेगा? क्योंकि वो सही रास्ते पर था और आप जैसे हजारों लोग उसके साथ थे।
मुजफ्फर वानी के मुताबिक बुरहान वानी का भाई खालिद आतंकी नहीं था, उनके मुताबिक इकनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुका उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गया था कि तभी उसे मार दिया गया।
मुजफ्फर वानी के मुताबिक खालिद की मौत पर करीब 50 हजार लोग उसके जनाजे में शामिल होने आए थे और बुरहान के जनाजे में उससे भी ज्यादा लोग शामिल हुए।
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