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'आप' नेता आशुतोष ने भाजपा को कहा भगोड़ा, एलजी पर भी दागे सवाल

दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के राज्य में सरकार बनाने के लिए सबसे बड़ी पार्टी को न्यौता देने के संकेत के साथ ही आम आदमी पार्टी [आप] ने उनपर तीखा हमला शुरू कर दिया। आप ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल का यह कदम विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देगा। आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के संयोजक आशुतोष ने

By Edited By: Updated: Sat, 06 Sep 2014 12:22 PM (IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के राज्य में सरकार बनाने के लिए सबसे बड़ी पार्टी को न्यौता देने के संकेत के साथ ही आम आदमी पार्टी [आप] ने उनपर तीखा हमला शुरू कर दिया। आप ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल का यह कदम विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देगा।

आशुतोष ने भाजपा को भगोड़ा पार्टी करार दिया है और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा है कि उपराज्यपाल अपनी कुर्सी बचाने के लिए भाजपा का साथ दे रहे हैं।

गौरतलब है कि शुक्रवार को आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के संयोजक आशुतोष ने ट्वीट कर कहा कि मीडिया रिपोर्टो से स्पष्ट है कि दिल्ली के उपराज्यपाल हॉर्सट्रैडिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। आशुतोष ने आगे लिखा कि भाजपा लोकतंत्र से खेल रही है और राष्ट्रपति को इसकी अनुमति नहीं देनी चाहिए। यह संविधान के साथ दुष्कर्म करने जैसा होगा, यदि ऐसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है, जिसने एक बार इसके लिए मना कर दिया था।

उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि उपराज्यपाल को वह 'इनकार पत्र' याद होगा जो डॉ. हर्षवर्धन [तब भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार] ने उनको लिखा था। कैसे, उपराज्यपाल उस पार्टी को सरकार बनाने के लिए न्यौता दे सकते हैं जिसने लिखित में इसके लिए इनकार कर दिया था।

आशुतोष ने ट्वीट कर कहा कि हम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अनुरोध करते हैं कि दिल्ली विधानसभा को हॉर्सट्रैंडिग का अखाड़ा न बनने दिया जाए। आशुतोष ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के पदचिह्नों पर चलने का अनुरोध किया। जिसमें नारायणन ने बहुमत को साबित करने का सबूत देने वाली पार्टी को ही सरकार बनाने का निमंत्रण देकर एक मिसाल कायम की थी।

आशुतोष ने ट्वीट कर कहा कि संवैधानिक तौर पर अल्पमत सरकार का गठन नहीं किया जा सकता है। किसी भी पार्टी को बहुमत साबित करने के सबूत के बिना सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं दिया जाना चाहिए।