दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) के भीतर दरारें भी दिखने लगी हैं। पार्टी में स्पष्ट तौर पर दो धड़े बंटे दिख रहे हैं, एक राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ तो दूसरा प्रशांत भूषण के साथ। पार्टी के भीतर का यह घमासान
By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Tue, 03 Mar 2015 09:32 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) के भीतर दरारें भी दिखने लगी हैं। पार्टी में स्पष्ट तौर पर दो धड़े बंटे दिख रहे हैं, एक राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ तो दूसरा प्रशांत भूषण के साथ। पार्टी के भीतर का यह घमासान सोमवार को खुलकर सामने आ गया, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने मीडिया के समक्ष स्वीकार किया कि कुछ नेता अरविंद केजरीवाल को संयोजक पद से हटाने का षड्यंत्र रच रहे हैं। मनमाने ढंग से चिट्ठियां लीक करके मतभेद की खबरों को हवा दी जा रही है। इस कारण कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच गलत संदेश जा रहा है। दुनिया भर की बातें फैलाई जा रही हैं। पार्टी इस बारे में चार मार्च को होने जा रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसले लेगी।
संजय सिंह ने साजिश रचने वाले नेताओं का सीधे तौर पर नाम तो नहीं लिया, लेकिन पार्टी के प्रदेश सह-संयोजक दुर्गेश पाठक के इस आरोप के प्रति भी सहमति जता दी कि यह चिट्ठियां पार्टी नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने लीक की हैं, जिनकी वजह से पार्टी के बीच मतभेद की खबरों को हवा मिली। उन्होंने कहा कि पाठक जिम्मेदार नेता हैं, अगर वह कुछ कह रहे हैं तो ठीक ही होगा। इस दौरान संजय से पूछा गया कि क्या पार्टी विवाद खड़े करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इस पर संजय सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी ही किसी को पार्टी में शामिल करने या निकालने का फैसला लेती है, जिसकी बैठक चार मार्च होने वाली है। इसमें वोटिंग का अधिकार रखने वाले सभी 21 सदस्य शामिल होंगे। उस दिन सभी अटकलें साफ हो जाएंगी।
बड़े काम करने का वक्त: योगेंद्र यादव पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 'पिछले दो दिनों से प्रशांत जी और मेरे बारे में चल रही खबरें सुन-पढ़ रहा हूं। नई-नई कहानियां गढ़ी जा रही हैं, आरोप मढ़े जा रहे हैंं, षड्यंत्र खोजे जा रहे हैं। यह सब पढ़ के हंसी भी आती है और दुख भी होता है। दिल्ली की जनता ने हमें इतनी बड़ी जीत दी है। यह वक्त बड़े मन से बड़े काम करने का है। मैं यही अपील कर सकता हूं कि हम अपनी छोटी हरकतों से अपने आप को और इस आशा को छोटा न होने दें।'
पार्टी किसी एक आदमी की जागीर नहीं: प्रशांत भूषण वहीं प्रशांत भूषण ने कहा कि 'ये सभी बातें पार्टी के अंदरूनी मामले हैं, जिन पर मैं सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं बोलूंगा। मैंने पार्टी के ढांचे में बदलाव को लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी को एक खत लिखा था, जिसे विद्रोह की तरह नहीं देखना चाहिए।' भूषण ने एक बार फिर कहा कि पार्टी किसी एक आदमी जागीर नहीं है। पार्टी के कामकाज के बारे में उनकी और योगेंद्र यादव की जो बात हुई है, उसमें सारे बिंदु साफ कर दिए गए हैं। लेकिन क्या अब भी आप यह नहीं मानेंगे कि आम आदमी पार्टी की पहचान और चेहरा अब अरविंद केजरीवाल हो गए हैं?
आप में मंथन का समय: आशुतोषइस बीच दिल्ली प्रदेश संयोजक आशुतोष ने कहा कि आप में मंथन का समय है। ये दो प्रकार की विचारधारा के बीच मतभेद है। एक तरफ कट्टरपंथी विचारधारा है, जो कश्मीर में जनमत संग्रह की बात करती है, दूसरी ओर विकास में यकीन करने वाली विचारधारा है।
चूहे प्लेग फैलाते हैं, सावधान रहें : नवीन जयहिंदआप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नवीन जयहिंद और योगेंद्र यादव का मनमुटाव जगजाहिर है। जयहिंद ने सोमवार को यादव पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर लिखा- 'जब हम लाखों लोग अन्ना आंदोलन में लाठियां खा रहे थे, तब कुछ लोग कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की दलाली खा रहे थे। अब वे आंदोलनकारियों के सरदार बनना चाहते हैं। जो लोग पार्टी की चिट्ठियां और आंतरिक बातें मीडिया में लीक करते हैं, उन्हें विकिलीक्स में होना चाहिए, आप में नहीं। चूहे को जब हल्दी की गांठ मिल जाती है तो वह अपने आप को पंसारी समझ बैठता है। चूहे प्लेग भी फैलाते हैं। चूहों से सावधान। चूहे घर की नींव खोखली कर देते हैं।'
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