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'आप' ने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से मांगा इस्‍तीफा

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आप के आरोपों को पूरी तरह झूठा और भ्रामक बताते हुए कहा कि उन्होंने रिलायंस को कभी अपनी सेवा नहीं दी है। बजाय इसके भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहा और चारा घोटाले में लालू प्रसाद को जेल भेजने से लेकर 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की पोल

By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Fri, 19 Dec 2014 08:55 AM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने केंद्रीय संचार व प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद पर इसी क्षेत्र में काम करने वाली रिलायंस की सहयोगी कंपनी से आर्थिक फायदा लेने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि इसकी एवज में प्रसाद इस कंपनी को फायदा पहुंचा रहे हैं। पार्टी ने उनका इस्तीफा मांगा है। इसने ऐसे ही आरोप कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी पर भी लगाए हैं।

प्रशांत भूषण ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर रविशंकर प्रसाद और फाइन टेक कॉरपोरेशन नाम की कंपनी के बीच लेन-देन के कागज सार्वजनिक किए। इन कागजात के मुताबिक, कंपनी की ओर से प्रसाद को 84 लाख रुपये का भुगतान किया गया। यह रकम प्रसाद को पिछले साल अप्रैल से लेकर इस साल के मार्च के दौरान 'रिटेनरशि' के नाम पर दी गई।

भूषण का कहना है कि इस कंपनी का इतना कारोबार ही नहीं जितनी इसने सिर्फ सलाह के लिए फीस दी है। इस कंपनी के तीनों निदेशक रिलायंस की दूसरी कंपनियों में भी निदेशक हैं। उनका कहना है कि रिलायंस को 4जी आवंटन के मामले में सरकार को 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। इस मामले में रिलायंस जियो को मंत्रालय की ओर से नोटिस जारी किया जाना है, लेकिन प्रसाद उसे रोके हुए हैं। इससे पहले प्रसाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सदस्य थे जो स्पेक्ट्रम और दूरसंचार लाइसेंस के मामले की जांच कर रही है।

भूषण ने कहा कि रिलायंस के साथ ऐसे रिश्तों को देखते हुए रविशंकर प्रसाद को दूरसंचार मंत्री का पद तुरंत छोड़ देना चाहिए। भूषण ने पिछली सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रहे मनीष तिवारी पर भी ऐसे ही आरोप लगाए। उन्होंने तिवारी की ओर से रिलायंस के वरिष्ठ अधिकारी परीमल नाथवानी को अपने कांट्रेक्ट की समय सीमा बढ़ाने के अनुरोध का पत्र और उस पर कंपनी की ओर से नए सिरे से अनुबंध का पत्र भी पेश किया। भूषण ने कहा कि तिवारी भी जेपीसी के सदस्य रहे हैं और रिलायंस के कारोबार में सूचना व प्रसारण मंत्रालय की नीतियों की भी अहम भूमिका होती है।

सारे आरोप झूठे : रविशंकर

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आप के आरोपों को पूरी तरह झूठा और भ्रामक बताते हुए कहा कि उन्होंने रिलायंस को कभी अपनी सेवा नहीं दी है। बजाय इसके भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहा और चारा घोटाले में लालू प्रसाद को जेल भेजने से लेकर 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की पोल खोली थी। मंत्री के रूप में भी मैं केवल मेरिट पर फैसला करता हूं और इसी उच्च मानक के साथ रहता हूं।

आप के आरोपों से क्षुब्ध रविशंकर ने कहा कि वकालत में प्रोफेशनल रिश्ता होता है। जिस फाइन टेक कॉरपोरेशन कंपनी को उन्होंने रिटेनरशिप के तौर पर अपनी सेवा दी है, वह पूरी तरह से अलग कॉरपोरेट इकाई है। लेकिन केंद्र में मंत्री बनने के दो महीने पहले ही यह कांट्रेक्ट खत्म हो चुका था।

रविशंकर ने कहा कि वह राम लला मामले के वकील भी रहे हैं। जेपीसी में उन्होंने पिछली सरकार के दौरान हुई गड़बडिय़ों को प्रमाणिकता से सामने लाया था। वह इसी प्रामाणिकता के साथ जीवन जीते हैं। यही कारण है कि राज्यसभा में उपनेता विपक्ष बनने के साथ ही उन्होंने वकालत छोड़ दी थी जबकि इसकी बाध्यता नहीं थी। आप के आरोप स्तरहीन और बेबुनियाद हैं।

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