आम आदमी पार्टी के विधायकों ने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की है। विधायकों ने अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें पार्टी से निकालकर लोगों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Wed, 11 Mar 2015 11:37 AM (IST)
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की है। विधायकों ने अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें पार्टी से निकालकर लोगों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। ताकि कोई दूसरा इस तरह का काम न करे। आप के पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने कहा है कि योगेंद्र यादव जिस तरह से पार्टी के खिलाफ खबरें मीडिया में खबरें प्लांट करते रहे हैं, उससे पार्टी का बहुत बड़ा धड़ा उनसे नाराज है।
आम आदमी पार्टी के करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा ने कहा है कि हर विधायक स्वयं आगे आकर पत्र पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने की वजह से योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से निष्कासित किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारे एजेंडे को जो भी तोड़ने का प्रयास करेगा, हम उसे सहन नहीं कर सकते हैं। चाहे वह कोई भी हो।
उधर, आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा योगेंद्र और प्रशांत के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखे जा रहे पत्र पर पत्रकारों ने जब आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि पार्टी इसके बारे में विचार करेगी। लेकिन क्या निर्णय क्या होगा, उसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह सकते हैं। आपको बता दें, आम आदमी पार्टी (आप) की अंदरूनी कलह मंगलवार को खुलकर सामने आ गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निकालने को लेकर आप ने पहली बार दोनों नेताओं पर वार किया। पार्टी का आरोप है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशांत और योगेंद्र आप विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल की छवि खराब करने की कोशिश की। इस वजह से दोनों को पीएसी से निकाला गया। वहीं, भूषण और यादव ने सभी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने जल्द ही सच्चाई सामने लाने की बात कही है।
मंगलवार सुबह आप की तरफ से मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, गोपाल राय और पंकज गुप्ता ने मीडिया में बयान जारी किया। इसमें दोनों नेताओं को पीएसी से बाहर निकालने की वजहें बताई गईं। राष्ट्रीय कार्यकारणी के उस फैसले का हवाला दिया गया, जिसमें बैठक की जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की बात कही गई थी। बयान में कहा गया है कि आदेश के बावजूद मीडिया में बयान दिए जा रहे हैं। इससे यह माहौल बन रहा है कि कार्यकारणी का फैसला अलोकतांत्रिक और गैर-जिम्मेदाराना था। इन नेताओं ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से बाहर करने की वजहें भी गिनाई।कार्यकर्ताओं को प्रचार से रोका
चुनाव के दौरान प्रशांत भूषण ने दूसरे प्रदेशों के कार्यकर्ताओं को फोन कर दिल्ली आने से रोका। प्रशांत का कहना था कि वह खुद चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं। इस बार पार्टी को हराना जरूरी है, तभी अरविंद का दिमाग ठिकाने आएगा। इसकी पुष्टि अंजलि दमानिया भी कर चुकी हैं। प्रशांत ने लोगों को चंदा देने से भी रोका।
पार्टी को हराना चाहते थे प्रशांतचुनाव से करीब दो सप्ताह पहले आशीष खेतान ने प्रशांत से लोकपाल और स्वराज के मुद्दे पर होने वाले दिल्ली डॉयलाग को लीड करने की गुजारिश की तो प्रशांत ने कहा कि पार्टी के लिए प्रचार करना बहुत दूर की बात है, वह पार्टी को हराना चाहते हैं। उनकी कोशिश थी कि 20-22 सीटों से ज्यादा न मिलें। हारने से परिवर्तन मुमकिन होगा।
आप को बर्बाद करने की धमकी दीविधानसभा चुनाव के दौरान प्रशांत ने बार-बार धमकी दी कि वह मीडिया के सामने दिल्ली चुनाव में पार्टी की तैयारियों को सार्वजनिक कर देंगे। पार्टी को बर्बाद कर देंगे। उन्हें पता था कि आप व भाजपा में कांटे की टक्कर है। यदि किसी भी पार्टी का वरिष्ठ नेता ही पार्टी के खिलाफ बोलेगा तो जीती हुई बाजी भी हार में बदल जाएगी।
नकारात्मक खबरें छपवाते थे योगेंद्रअरविंद केजरीवाल की छवि खराब करने के लिए योगेंद्र यादव ने अखबारों में खबरें छपवाईं। अगस्त 2014 की एक खबर इसका प्रमाण भी है। योगेंद्र चुनाव के दौरान अरविंद की छवि खराब करने के लिए मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत करते थे।
अवाम को भूषण का समर्थन आप ने आरोप लगाया है कि आम आदमी वालंटियर एक्शन मंच (अवाम) भाजपा द्वारा संचालित है। अवाम ने चुनाव के दौरान आप को बदनाम किया। अवाम को प्रशांत भूषण ने खुलकर समर्थन दिया था। शांति भूषण ने अवाम के हक में और आप के खिलाफ खुलकर बयान दिए थे।
विधायकों पर बनाया जा रहा दबाव: यादव एक न्यूज चैनल को दिए गए साक्षात्कार में योगेंद्र यादव ने कहा कि मुझे पार्टी से निकालने के लिए हमारे विरोध में पार्टी के विधायकों पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी के स्वयंसेवकों को अपनी बात रखने के लिए पार्टी की वेबसाइट पर जगह दी जानी चाहिए। जिस तरह से पार्टी वेबसाइट पर मंगलवार को चार साथियों के बयान जारी किए गए हैं उसी प्रकार अन्य लोगों को भी जगह दी जाएगी। वहीं प्रशांत भूषण ने कहा कि अब हालात इस तरह के हो गए हैं कि इस पूरे मामले से पर्दा उठ जाना चाहिए ताकि सच्चाई लोगों के सामने आ सके।
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