देश को कई घाव दिए आतंकी टुंडा ने
मेरठ [जासं]। पश्चिमी यूपी में आतंकवाद की जड़े जमाकर देश को कई घाव देने वाला आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। हर दफा पुलिस को छकाने वाले टुंडा के अंडरवर्ल्ड डान दाउद इब्राहीम तक से संबंध रहे हैं। राजधानी एक्सप्रेस समेत कई जगहों पर विस्फोटों में टुंडा का नाम सबसे ऊपर रहा। मेर
By Edited By: Updated: Sat, 17 Aug 2013 10:34 PM (IST)
मेरठ [जासं]। पश्चिमी यूपी में आतंकवाद की जड़े जमाकर देश को कई घाव देने वाला आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। हर दफा पुलिस को छकाने वाले टुंडा के अंडरवर्ल्ड डान दाउद इब्राहीम तक से संबंध रहे हैं। राजधानी एक्सप्रेस समेत कई जगहों पर विस्फोटों में टुंडा का नाम सबसे ऊपर रहा। मेरठ के पीएसी बम कांड में भी उसकी भूमिका मानी जाती रही है।
अब्दुल करीम ने युवावस्था की दहलीज पर कदम रखा तो हकीम का काम शुरू किया। बताते हैं कि वह देसी नुस्खों के जरिये लोगों को ठीक भी कर लेता था पर धंधा रास नहीं आने पर बाद में लकड़ी का काम शुरू कर दिया। पर टुंडा को कम वक्त में बहुत बड़ा आदमी बनने की ललक सवार थी। इसके चलते उसने कुछ ऐसा करने की ठानी जो सुर्खियां बने। आसपास के क्षेत्र में तबाही मचाने के इरादे से उसने अपना नेटवर्क तैयार किया और घटनाएं करनी शुरू कीं। पिलखुवा से बाहर सुर्खियों में टुंडा 26 जनवरी 93 को आया, जब मेरठ शहर में इमलियान के सामने पीएसी के कैंप पर बम फेंका गया और 41 वीं वाहिनी पीएसी के दो जवान मारे गए। हालांकि बम कांड का मुख्य आरोपी सलीम पतला बना पर जांच में टुंडा का नाम भी आया। इसके एक साल बाद ही यानी अक्टूबर 94 को टुंडा ने साथियों के साथ मिलकर मुरादनगर के पास बस में विस्फोट कर अपने खतरनाक मसूंबों को जाहिर कर दिया था। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त 97 को टुंडा ने राजधानी एक्सप्रेस में गाजियाबाद में विस्फोट किया जिसमें कई लोग हताहत हुए। घटना में जैसे ही टुंडा का नाम आया, वह गायब हो गया। विदेशियों के अपहरण में भी था
अब्दुल करीम का दुस्साहस इस कदर बढ़ चुका था कि उसने ब्रिटिश नागरिकों के दिल्ली से अपहरण में भी भूमिका निभाई थी। इन सभी को पिलखुवा के समीप मसूरी में रखा गया था। चूंकि टुंडा के दुस्साहस के चर्चे सीमा पार तक हो चुके थे, ऐसे में वह आतंकवादी संगठनों से जुड़ गया और पुलिस से बचने के लिए पहले लंबे समय तक कश्मीर में रहा और फिर पाकिस्तान चला गया। बाद में पश्चिमी यूपी में दायरा बढ़ाने के लिए आईएसआई की कमान उसे सौंप दी गई। बंगलादेश, नेपाल के होटल थे ठिकाने
पुलिस के मुताबिक अब्दुल करीम उर्फ टुंडा ने पाकिस्तान से छपकर आने वाली नकली केरेंसी का धंधा भी खूब किया। वह बंगलादेश के चटगांव और नेपाल के होटलों में बैठकर भारत के लिए नकली करेंसी की सौदेबाजी करता था। इसके चलते ही उसके रिश्ते अंडरवर्ल्ड डान दाउद से भी रिश्ते बताये गए। क्या हत्थे चढ़ पाएगा सलीम उर्फ पतला : आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा तो पुलिस की गिरफ्त में आ गया लेकिन सलीम पतला अब तक हत्थे नहीं चढ़ सका है। वह 23 साल से पुलिस को चकमा दे रहा है। खुफिया सूत्रों की मानें तो वह भी आतंकी संगठनों से जुड़ा है। सलीम पतला इमलियान में पीएसी बम कांड से सुर्खियों में आया। उस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित हुआ तो कश्मीर भाग गया। पुलिस ने उसे भगौड़ा घोषित कर घर की कुर्की कर ली। सलीम का सफर भी टुंडा की तरह ही रहा। उसने भी विस्फोट की घटना दर घटनाएं कीं। फरवरी 93 में सलीम ने ऋषिकेश के बस अड्डे पर रोडवेज बस में विस्फोट किया। इसी साल कंपनी बाग के समीप भी एक बस में विस्फोट किया था। इन घटनाओं के बाद से ही सलीम गायब है और आतंकी संगठनों से जुड़ा है। पुलिस ही नहीं तमाम खुफिया एजेंसियां तक उसके बारे में ठोस जानकारी नहीं जुटा सकी हैं। मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर