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भारत से टीबी का खात्मा 2025 तक, इस साल देश में सामने आए थे टीबी के 28 लाख मामले

डब्ल्यूएचओ वैश्रि्वक टीबी रिपोर्ट के आंकड़ों की माने तो 2015 में भारत में टीबी के 28 लाख मामले सामने आए थे और उस साल इस बीमारी से 4.8 लाख लोगों की मौत हो गई थी।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Tue, 12 Sep 2017 09:20 AM (IST)
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भारत से टीबी का खात्मा 2025 तक, इस साल देश में सामने आए थे टीबी के 28 लाख मामले

नई दिल्ली, प्रेट्र: विश्र्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक भारत 2025 तक क्षयरोग (टीबी) को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस काम में डब्ल्यूएचओ उसकी मदद करेगा।

विश्र्व स्वास्थ्य इकाई ने दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र के देशों को 2030 तक टीबी खत्म करने की वर्तमान गति को बनाए रखने के लिए कहा है। उसने उनके संकल्पों की सराहना की और सभी देशों से राष्ट्रीय योजनाओं को मार्च में दिल्ली के लिए जारी की गई कार्य योजना के साथ मिलाने और उनकी समीक्षा करने की अपील की है।

इस लक्ष्य को पाने में वह भारत सरकार के साथ मिलकर इस जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिए नीतियां विकसित करेगा। डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक, पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि भारत अब प्रतिबद्ध हो रहा है। हम 2030 में टीबी उन्मूलन की बात कर रहे हैं, लेकिन मालदीव इस लक्ष्य को 2020 तक प्राप्त कर सकता है। भारत ने घोषणा की है कि वह इसे 2025 तक हासिल कर लेगा।

डब्ल्यूएचओ वैश्रि्वक टीबी रिपोर्ट के आंकड़ों की माने तो 2015 में भारत में टीबी के 28 लाख मामले सामने आए थे और उस साल इस बीमारी से 4.8 लाख लोगों की मौत हो गई थी।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पूरे दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र में, युवा वर्ग किसी भी दूसरी संक्रामक बीमारी के मुकाबले टीबी के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित होता है और इसके कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं।

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