व्यक्तिवादी राजनीति बन रही 'आम आदमी पार्टी' में टकराव का कारण
आम आदमी पार्टी (आप) में जमीनी कार्यकर्ताओं के बजाय नामी लोगों को मिल रही तरजीह पर टकराव सामने आने लगे हैं। पार्टी की नेता मल्लिका साराभाई ने तो खुलकर कुमार विश्वास के बयानों पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, विश्वास के लिए तोड़ी जा रही पार्टी की परंपरा की दूसरे नेता भी दबी जुबान में आलोचना कर रहे हैं। हिं
नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। आम आदमी पार्टी (आप) में जमीनी कार्यकर्ताओं के बजाय नामी लोगों को मिल रही तरजीह पर टकराव सामने आने लगे हैं। पार्टी की नेता मल्लिका साराभाई ने तो खुलकर कुमार विश्वास के बयानों पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, विश्वास के लिए तोड़ी जा रही पार्टी की परंपरा की दूसरे नेता भी दबी जुबान में आलोचना कर रहे हैं। हिंदीभाषी राज्यों में पहले से लोकप्रिय मंचीय कवि कुमार विश्वास को पार्टी ने ना सिर्फ अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है, बल्कि उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में राष्ट्रस्तरीय अभियान चला दिया है।
पार्टी की स्थापना के समय से जुड़े रहे एक वरिष्ठ सदस्य कहते हैं, 'हम लोगों को दावा करते हैं कि हमारी पार्टी सिद्धांतों पर काम करती है। फिर इतना व्यक्ति प्रेम क्यों? जब पार्टी ने उम्मीदवार चयन के लिए प्रक्रिया घोषित की है, तो कुछ लोगों के लिए उसे क्यों तोड़ा जा रहा है। अमेठी के एक उम्मीदवार के प्रचार के लिए दिल्ली में होर्डिग लगाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।'