दिल्लीवासियों को नए वर्ष का तोहफा, बिजली की दर हुई आधी
को दूसरा तोहफा देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली के दामों में 50 फीसद कमी का एलान किया। कैबिनेट की बैठक में दो स्लैबों में बिजली की दरें आधी करने का फैसला लिया गया। 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं के बिल में पचास फीसद की सब्सिडी मिलेगी। इसके साथ ही 200 से 400 यूनिट तक की दरों में भी सब्सिडी दी जाएगी। घटाई गई बिजली की दरों को कम करने में लगभग 200 करोड़ का खर्च आएगा। लेकिन सरकार का इस सब्सिडी पर सिर्फ 61 करोड़
नई दिल्ली [जासं]। नव वर्ष की पूर्व संध्या पर दिल्लीवासियों को दूसरा तोहफा देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली के दामों में 50 फीसद कमी का एलान किया। कैबिनेट की बैठक में दो स्लैबों में बिजली की दरें आधी करने का फैसला लिया गया। 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं के बिल में पचास फीसद की सब्सिडी मिलेगी। इसके साथ ही 200 से 400 यूनिट तक की दरों में भी सब्सिडी दी जाएगी। घटाई गई बिजली की दरों को कम करने में लगभग 200 करोड़ का खर्च आएगा। लेकिन सरकार का इस सब्सिडी पर सिर्फ 61 करोड़ ही खर्च होगा। घटाई गई दरें एक जनवरी से 31 मार्च तक तक लागू होंगी। दिल्ली के 28 लाख लोग सस्ती बिजली का लाभ उठा सकेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि तीन बिजली कंपनियों के ऑडिट के बाद पूरा फैसला लिया जाएगा। दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली तीन कंपनियों का ऑडिट का कार्य तीन महीने में पूरा होने की उम्मीद है। इस सिलसिले में मंगलवार को मुख्यमंत्री ने सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) शशिकांत शर्मा से मुलाकात की थी। कांग्रेस और भाजपा पर प्रहार करते हुए केजरीवाल ने कहा कि सरकार जोड़तोड़ से चल रही है। यह नहीं कहा जा सकता कि सरकार कितने दिन चलेगी। मेरे पास 48 घंटे का ही वक्त है। पता नहीं सरकार आगे चलेगी भी या नहीं। इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि हम अपने समर्थन पर कायम हैं। विदित हो कि इससे पहले केजरीवाल सरकार दिल्ली में रहने वाले हर परिवार को प्रतिदिन 666 लीटर पानी मुफ्त देने की घोषणा कर चुकी है। यह सुविधा वैसे लोगों को मिलेगी जिनके घर में मीटर हैं। ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या करीब 12 लाख है। आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी घोषणा पत्र में बिजली और पानी की दरों को कम करने का मुद्दा प्रमुख था। समर्थन दे रही कांग्रेस और मुख्य विपक्ष दल भाजपा इस घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए केजरीवाल सरकार को लगातार चुनौती दे रहे थे।