नाम के बाद तिवारी की विरासत भी चाहते रोहित
एनडी तिवारी का नाम लेने के बाद रोहित शेखर अब उनकी सियासी विरासत पर भी दावा ठोकने को तैयार हैं। लंबी लड़ाई से थकने के बाद
By Edited By: Updated: Wed, 19 Mar 2014 12:15 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। एनडी तिवारी का नाम लेने के बाद रोहित शेखर अब उनकी सियासी विरासत पर भी दावा ठोकने को तैयार हैं। लंबी लड़ाई से थकने के बाद 90 साल की उम्र में एनडी तिवारी ने सार्वजनिक रूप से मान लिया कि रोहित शेखर उनके बेटे हैं। 40 साल के अपने बेटे को राजनीतिक विरासत सौंपने की भी एनडी ने इच्छा जतायी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से एनडी तिवारी ने मुलाकात का समय मांगा है जो इसी घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है।
पता चला है कि एनडी तिवारी के पुत्र स्वीकार करने के बाद रोहित शेखर ने होली उनके साथ ही मनाई, साथ ही भविष्य की सियासी रणनीति भी तय की। रोहित शेखर सियासत में आने की अपनी इच्छा जता चुके हैं। बताया जाता है कि तिवारी की परंपरागत सीट नैनीताल पर शेखर की नजर है। सूत्रों के अनुसार खुद तिवारी भी इस बात के लिए मान गए हैं। पढ़ें : एनडी तिवारी ने माना रोहित को बेटा सूत्रों के अनुसार इसी बाबत तिवारी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है। हालांकि अभी दस जनपथ से उनके मिलने का समय मुकर्रर नहीं हुआ है, लेकिन वह दिल्ली में इस मुलाकात की प्रत्याशा में 19 व 20 मार्च का समय बिताएंगे। इसके बाद तिवारी 21 से 31 मार्च तक दस दिन का दौरा भी करेंगे। उनकी यात्रा की शुरुआत काठगोदाम से होगी। इस बारे में रोहित शेखर ने कहा कि लोग चाहते हैं कि उनके पिता एनडी तिवारी वहां से चुनाव लड़ें। बकौल रोहित उनकी भी दिलीइच्छा यही है। हालांकि, रोहित शेखर ने यह भी साफ कर दिया कि यदि उनके पिता उनसे चुनाव लड़ने के लिए कहते हैं, तो वह तैयार हैं। जाहिर है कि पिता का नाम हासिल करने के बाद अब रोहित उनकी सियासी जमीन पाने की कोशिश कर रहे हैं।