माल्या पर शिकंजे को एजेंसियों ने घेरा, ईडी ने भेजा समन
खुद को भगोड़ा कहे से जाने का विरोध कर रहे विजय माल्या को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है। माल्या को अब 18 मार्च को ईडी के मुंबई कार्यालय में हाजिर होना पड़ेगा।
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Sat, 12 Mar 2016 08:35 AM (IST)
नीलू रंजन, नई दिल्ली। खुद को भगोड़ा कहे से जाने का विरोध कर रहे विजय माल्या को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है। माल्या को अब 18 मार्च को ईडी के मुंबई कार्यालय में हाजिर होना पड़ेगा। इतना ही नहीं, ईडी ने किंगफिशर एयरलाइंस से गायब किए गए हजारों करोड़ रुपये को ढूंढने में गंभीर अपराध जांच संगठन (एसएफआइओ) की भी मदद ले रहा है। ईडी ने एसएफआइओ से किंगफिशर से दूसरी कंपनियों में किए गए लेनदेन से जुड़े सभी दस्तावेज देने को कहा है। इस मामले में ईडी और एसएफआइओ को वरिष्ठ अधिकारी एक दूसरे के संपर्क में हैं।
कर्जदार माल्या का लंदन में 30 एकड़ में शानदार बंगला ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि अब साफ हो जाएगा कि विजय माल्या भगोड़ा है या नहीं। यदि विजय माल्या पूछताछ के लिए 18 मार्च को ईडी दफ्तर नहीं आते हैं, तो अदालत से उन्हें आधिकारिक रूप से भगोड़ा घोषित कराया जा सकता है। करीब 9000 करोड़ रुपये के कर्जदाता बैंकों का कहना है कि माल्या ने कर्ज की रकम को दूसरे कामों में लगा दिया और किंगफिशर को जानबूझकर दिवालिया होने दिया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किंगफिशर से कितना धन बाहर निकाला गया व कहां-कहां लगाया गया।माल्या की हेराफेरी पर सियासी जोरा-जोरी, सांसदी रद करने की उठी मांग
उन्होंने कहा कि विजय माल्या से इसी बारे में सवाल पूछे जाएंगे। माल्या को पिछले पांच साल के आयकर रिटर्न और विभिन्न कंपनियों में किए गए निवेश व खरीदी गई संपत्तियों का ब्योरा लेकर आने को कहा गया है। इसके साथ ही ईडी ने विजय माल्या की दिवालिया हुई कंपनी किंगफिशर के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी ए. रघुनाथन से पूछताछ की। उनसे किंगफिशर एयरलाइंस के वित्तीय हालात और बैंकों से मिले कर्ज के उपयोग के बारे में पूछा गया। रघुनाथन के अलावा ईडी ने किंगफिशर के पांच अन्य पूर्व वरिष्ठ अफसरों को भी समन भेज पूछताछ के लिए बुलाया है। अभी तक ईडी इस मामले में सीबीआइ की जांच का इंतजार कर रही थी। सीबीआइ ने पिछले साल अक्टूबर में आइडीबीआइ बैंक की शिकायत पर विजय माल्या के खिलाफ 900 करोड़ रुपए के कर्ज के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया था और ईडी ने इसी आधार पर मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज कर लिया था। अब जबकि सीबीआइ की जांच ही सवालों के घेरे में है और लुक आउट नोटिस में बदलाव कर विजय माल्या को भागने देने में मदद करने का आरोप लग रहा है। लिहाजा, ईडी ने एसएफआइओ की मदद मांगी है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एसएफआइओ लंबे समय से किंगफिशर से विजय माल्या की दूसरी कंपनियों में हजारों करोड़ रुपये लगाने की जांच कर रही है। इस सिलसिले में एसएफआइओ विजय माल्या समेत यूनाइटेड ब्रेवरीज और किंगफिशर के दो दर्जन अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है। यहां तक कि 2007 में विजय माल्या ने जिस एयर डेक्कन को खरीदा था, उसके संस्थापक से भी पूछताछ हो चुकी है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एसएफआइओ के पास मौजूद दस्तावेजों से विजय माल्या की हेराफेरी की जड़ तक पहुंचने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि यदि एक बार किंगफिशर से दूसरी कंपनियों में लगाए गए रुपये की पहचान हो गई तो उन्हें आसानी से जब्त किया जा सकता है। ईडी की जांच का असल उद्देश्य यही है।बैंकों के फंसे कर्ज वसूली में फिसड्डी साबित हुआ डीआरटी