अग्नि-5: पी-5 क्लब का एंट्री टिकट!
अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही भारत ने दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्कों के क्लब 'पी-5' पर विस्तार के लिए दबाव बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पाच देशों-अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रास और चीन के 'विशिष्ट समूह' में शामिल होने के लिए पहले से दरवाजा खटखटा रहे भारत ने अग्नि-5 के जरिये अपनी दावेदारी और मजबूत कर दी है
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही भारत ने दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्कों के क्लब 'पी-5' पर विस्तार के लिए दबाव बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच देशों-अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के 'विशिष्ट समूह' में शामिल होने के लिए पहले से दरवाजा खटखटा रहे भारत ने अग्नि-5 के जरिये अपनी दावेदारी और मजबूत कर दी है। अमेरिका और नाटो मुल्कों ने भी इस परीक्षण के बाद भारत को जिम्मेदार बताकर उसके रुतबे को स्वीकार्यता दी है।
भारत की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल [आइसीबीएम] के सफल परीक्षण केबाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भी सुरक्षा परिषद में भारतीय दावेदारी को और पुख्ता किया। परीक्षण के बाद एंटनी का कहना था,'आज देश का कद बढ़ गया है। हम विशिष्ट देशों के क्लब में शामिल हो गए हैं।' उनका इशारा आइसीबीएम क्षमता वाले पी-5 के ताकतवर मुल्कों की तरफ ही था। अभी तक यह प्रौद्योगिकी सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों के पास ही थी। इस लिहाज से भारत ने स्थायी सदस्यता के लिए दावेदारी कर रहे दूसरे देशों ब्राजील, जर्मनी, जापान और दक्षिण अफ्रीका के आगे एक लंबी लाइन खींच दी है। इनमें से किसी भी देश के पास आइसीबीएम क्षमता अभी तक नहीं है।