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जंतर मंतर पर भूख हड़ताल पर बैठे पायलट

इंडियन पायलट गिल्ड [आइपीजी] के 10 पायलटों ने जंतर-मंतर पर रविवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। पिछले 47 दिन से जारी हड़ताल को और असरदार बनाने की मंशा से एयर इंडिया के पायलटों ने यह रणनीति तैयार की है। पायलटों ने एयर इंडिया प्रबंधन द्वारा भेदभाव और शोषण का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ अपने नए कदम का एलान किया है।

By Edited By: Updated: Sun, 24 Jun 2012 12:37 PM (IST)

नई दिल्ली। इंडियन पायलट गिल्ड [आइपीजी] के 10 पायलटों ने जंतर-मंतर पर रविवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। पिछले 47 दिन से जारी हड़ताल को और असरदार बनाने की मंशा से एयर इंडिया के पायलटों ने यह रणनीति तैयार की है। पायलटों ने एयर इंडिया प्रबंधन द्वारा भेदभाव और शोषण का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ अपने नए कदम का एलान किया है। आइपीजी विलय से पूर्व एयर इंडिया के पायलटों का संगठन है।

आइपीजी के सदस्य रोहित कपाही ने कहा कि हम चाहते है कि हड़ताल जल्द से जल्द समाप्त हो, लेकिन हम काम पर तब तक नहीं लौटेगे, जब तक हमारे बर्खास्त 101 साथियों को बहाल नहीं किया जाता। एयर इंडिया प्रबंधन ने आठ मई से हड़ताल शुरू करने वाले 101 पायलटों को बर्खास्त कर दिया था। ये पायलट एयर इंडिया में विलय की गई विमानन कंपनी इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का प्रशिक्षण दिए जाने के विरोध में हड़ताल पर है। अनशन करने वाले पायलटों का नेतृत्व कैप्टन आदित्य सिंह ढिल्लन कर रहे हैं।

कपाही ने कहा कि यह बात सच नहीं है कि पायलटों का वेतन बेहद ज्यादा होता है। भूख हड़ताल के दौरान हम अपनी पे-स्लिप भी दिखाएंगे ताकि दुनिया को पता चल सके कि हमें उद्योग के मानक के मुताबिक ही वेतन दिया जा रहा है, जो कि बहुत ज्यादा नहीं है।

केंद्रीय विमानन मंत्री अजित सिंह कई बार पायलटों से काम पर लौटने की अपील कर चुके हैं, जबकि एयर इंडिया ने नए पायलटों की बहाली भी शुरू कर दी है। इस सरकारी एविएशन कंपनी को हड़ताल से अब तक लगभग 520 करोड़ रुपये का चूना लग चुका है। कंपनी अपनी 45 में से अभी सिर्फ 38 सेवाओं का ही संचालन कर पा रही है।

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