क्षेत्रीय दलों के राष्ट्रीय गठजोड़ पर अजीत जोगी की नजर
कांग्रेस छोड़ कर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले अजीत जोगी की नजर क्षेत्रीय ताकतों से गठजोड़ करने के दांव पर है। अजीत जोगी इसके लिए कई राज्यों के क्षेत्रीय दलों से बातचीत कर रहे हैं।
रायपुर, (नई दुनिया ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीय पार्टी बनाने की घोषणा के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की नजर देशभर में मौजूद क्षेत्रीय ताकतों से गठजोड़ करने के दांव पर है। उनकी बातचीत कई राज्यों के क्षेत्रीय क्षत्रपों से चल रही है। लेकिन जोगी के नाम और चुनाव चिह्न की घोषणा से पहले जोगी अपने पत्ते नहीं खोलना चाहते हैं।
हमारे सहयोगी नई दुनिया के सवाल पर जोगी ने कहा कि अभी तो उनका फोकस केवल छत्तीसगढ़ पर है। बुधवार शाम से लेकर गुरुवार रात के बीच फोन पर जोगी से कई बड़े नेताओं ने बात की है। इनमें जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव, जदयू के अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, राजद के अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी शामिल हैं। इन नेताओं ने जोगी को नई पार्टी के गठन के लिए बधाई दी है।
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बातचीत का यही सिलसिला आगे बढ़ा तो राष्ट्रीय स्तर के गठबंधन तक मामला जा सकता है। सूत्रों को अनुसार जोगी इस प्रयास में लगे हैं कि पार्टी गठन के समय ये सभी लोग उनके साथ आएं।
केवल चार राज्यों में वजूद है
राष्ट्रीय दलों का देश में छत्तीसगढ़ को मिलाकर केवल चार राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में ही राष्ट्रीय दलों का दबदबा है, वहां क्षेत्रीय दल नहीं है। बाकी राज्यों में क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व बना है। राष्ट्रीय दलों ने इनसे गठजोड़ कर सरकार में हिस्सेदारी की है। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना एवं अन्य राज्यों में क्षेत्रीय दलों ने फेडरल व्यवस्था को अपनाया है। जोगी नई क्षेत्रीय पार्टी बनाने पर राष्ट्रीय स्तर के नेता यहां भी एक मजबूत विकल्प की संभावना देख रहे हैं।
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