अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान को भाई ने किया बर्खास्त, 'बीफ बैन' का किया था समर्थन
हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान को उनके भाई अलाउद्दीन आलिमी ने पद से हटा दिया है।
अजमेर(आइएएनएस)। मुस्लिमों से बीफ छोड़ने और तीन तलाक को गलत बताने वाले अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान को उनके भाई अलाउद्दीन आलिमी ने पद से हटाने की घोषणा करते हुए खुद को नया दीवान नियुक्त किया है।
आलिमी ने कहा कि मैं नया दीवान हूं। मुझे पूरे चिश्ती कबीले का समर्थन हासिल है। आबेदीन ने इस्लामिक कानून का उल्लंघन किया है। मुझे वेतन में कोई दिलस्पी नहीं है। आबेदीन पैसे कमा सकते हैं। मैं नहीं चाहता कि वो कभी भी दरगाह में दाखिल हों। उन्होंने जो भी कहा वो निंदनीय है। मैंने मुफ्ती से बात की है और हम आबेदीन के खिलाफ फतवा जारी करेंगे।
दरअसल आबेदीन ने सरकार से देश में गौवंश के वध और इनके मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग करते हुए मुस्लिम समाज से कहा कि वे पहल करें ताकि बीफ को लेकर दो समुदायों के बीच पनप रहे वैमनस्य पर विराम लगे।
दीवान ने कहा था कि उनके पूर्वज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती ने इस देश की संस्कृति को इस्लाम के नियमों के साथ अपना कर मुल्क में अमन शांति और मानव सेवा के लिए जीवन समर्पित किया। उसी तहजीब को बचाने के लिये गरीब नवाज के 805 उर्स के मौके पर उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि वह और उनका परिवार बीफ के सेवन को त्यागने का ऐलान करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह हिंदुस्तान के मुसलमानों से यह अपील करते हैं कि देश में सद्भावना के पुनर्स्थापना के लिए इसको त्याग कर मिसाल पेश करें।
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