अवैध धर्मांतरण पर उत्तर प्रदेश में अलर्ट
आगरा में धर्मातरण को लेकर मचे बवाल को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अवैध धर्मातरण के लिए सभी जिलों में एसपी-एसएसपी की जवाबदेही तय करते हुए प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पंडा ने अलर्ट जारी किया है। पंडा ने पुलिस प्रमुखों से अपेक्षा की है कि
By Sudhir JhaEdited By: Updated: Thu, 11 Dec 2014 11:29 AM (IST)
लखनऊ। आगरा में धर्मांतरण को लेकर मचे बवाल को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अवैध धर्मातरण के लिए सभी जिलों में एसपी-एसएसपी की जवाबदेही तय करते हुए प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पंडा ने अलर्ट जारी किया है। पंडा ने पुलिस प्रमुखों से अपेक्षा की है कि वे अपने-अपने जिलों में अभिसूचना तंत्र को विकसित कर अवैध ढंग से होने वाले धर्मातरण पर अंकुश लगाएं।ऐसा न होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अलीगढ़ में 25 दिसंबर को ऐसे आयोजन की भनक लगने पर वहां के प्रशासन को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। आगरा में आठ दिसंबर को 56 परिवारों के 380 लोगों के अवैध धर्मांतरण के मसले ने तूल पकड़ लिया है। इस सिलसिले में आगरा के सदर बाजार में इस्माइल द्वारा किशोरी लाल पर छल का आरोप लगाते हुए धर्मांतरण कराए जाने का मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद सख्त कदम उठाए गए हैं। गृह सचिव कमल सक्सेना और उप्र पुलिस के प्रवक्ता आइजी कानून-व्यवस्था ए सतीश गणोश ने कहा कि संविधान में हर व्यक्ति को किसी भी धर्म का अनुसरण करने की स्वतंत्रता है लेकिन अगर धोखे में रखकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो यह अपराध है। आगरा में हुए धर्मांतरण को इसी श्रेणी में रखते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया है। धर्मातरण के मामले की विवेचना गहराई से किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यह पूछे जाने पर कि वादी पक्ष क्या आगरा के मूल निवासी हैं? आइजी का कहना है कि अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि वादी पक्ष भारतीय नागरिक हैं और पश्चिम बंगाल के मशरूमपुर के हैं। उनके बांग्लादेशी नागरिक होने की आशंका को लेकर उठे सवाल को दरकिनार करते हुए आइजी ने कहा कि यह बात विवेचना के बाद ही स्पष्ट होगी। उन्होंने कहा कि इस बारे में आगरा पुलिस से विवरण मांगा गया है। पढ़ेंः मुस्लिमों के दबाव में मुकरे घर लौटे लोगः योगी