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योगेंद्र ने समर्थकों से की अपील, आस्था रखें, सत्य की जीत होगी

दिल्ली में मिली अभूतपूर्व जीत से गदगद आम आदमी पार्टी [आप] के अंदरखाने में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आप में अंतर्कलह पैदा हो गई। जिसकी वजह से पार्टी के नेताओं की आपस में नहीं बन रही है। एक दूसरे की टांग खींचने में लग गए हैं। बुधवार

By manoj yadavEdited By: Updated: Thu, 05 Mar 2015 02:48 PM (IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली में मिली अभूतपूर्व जीत से गदगद आम आदमी पार्टी [आप] के अंदरखाने में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आप में अंतर्कलह पैदा हो गई। जिसकी वजह से पार्टी के नेताओं की आपस में नहीं बन रही है। एक दूसरे की टांग खींचने में लग गए हैं। बुधवार को आम आदमी पार्टी राजनीतिक मामलों की समिति [पीएसी] की बैठक में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को हटाने के लिए खुले तौर पर मतदान करवाना पड़ा। हालांकि, योगेंद्र और प्रशांत भूषण के समर्थन में कम मत पड़ें। लिहाजा उन्हें पीएसी से हटना पड़ा।

पीएसी से हटाए जाने के बाद आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले बारह घंटों से मुझे पूरे देश से आप के समर्थकों के संदेश मिल रहे हैं। मैं उन सबसे कहना चाहता हूं कि वे आस्था रखें। सत्य परेशान भले हो, लेकिन पराजित नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो निर्णय लिया है, वह हमें मंजूर है। हम बैठक की कार्यवाही पर टिप्पणी नहीं करेंगे। जब पत्रकार ने पूछा कि क्या आप इस्तीफा दे देंगे, तो उन्होंने फिर से दोहराया कि ना तोड़ेंगे, ना छोड़ेंगे, सुधरेंगे और सुधारेंगे। पार्टी का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में हजारों लोग मुझसे ज्यादा योग्य हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए त्याग किया है। योगेंद्र ने कहा कि कल की बैठक में किसी तरह की बार्गेनिंग नहीं की गई।

आपको बता दें, कल भी योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली के चुनाव में आप को बड़ी जीत मिली है। हमें पूरी ईमानदारी से काम करनी चाहिए। लोगों को हमसे बड़ी उम्मीदें हैं और हमें उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मैं पद के लायक नहीं तो मुझें पीएससी से हटा दिया जाना चाहिए, लेकिन पद से हटने का मतलब यह नहीं है कि मैं पार्टी छोड़ दूंगा।

बागी बने मयंक गांधी

आप नेता मयंक गांधी ने अपने ब्लॉग 'नेशन बिल्डिंग' में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला किया है। उन्होंने लिखा है कि केजरीवाल ने पीएसी से इस्तीफा इसलिए दिया था कि अगर प्रशांत और योगेंद्र पीएसी में रहेंगे तो हम काम नहीं कर पाएंगे। जिसका मतलब साफ है कि केजरीवाल इन दोनों को हटाने का मन बना लिए थे। मयंक ने आगे लिखा है कि इसके लिए मनीष सिसोदिया एक प्रस्ताव लाए और संजय सिंह ने उसका समर्थन किया। उसके बाद वोटिंग करवाई गई, जिसमें प्रशांत और योगेंद्र के पक्ष में केवल आठ मत ही पड़े।

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