कोयला ब्लॉकों के आवंटन का रास्ता साफ
पिछले चार वर्षो से एक अहम राजनीतिक मुद्दा बन चुके कोयला ब्लॉकों के आवंटन का मामला अब एक निश्चित समाधान की तरफ बढ़ता दिख रहा है। शुक्रवार लोकसभा में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रद 204 कोयला ब्लॉकों के आवंटन का रास्ता साफ करने के उद्देश्य से पेश कोयला खनन
नई दिल्ली। पिछले चार वर्षो से एक अहम राजनीतिक मुद्दा बन चुके कोयला ब्लॉकों के आवंटन का मामला अब एक निश्चित समाधान की तरफ बढ़ता दिख रहा है। शुक्रवार लोकसभा में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रद 204 कोयला ब्लॉकों के आवंटन का रास्ता साफ करने के उद्देश्य से पेश कोयला खनन (विशेष प्रावधान) 2014 को पारित कर दिया गया। लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने वैसे तो इस विधेयक के जरिये कोयला उत्पादन बढ़ाने के दावे को खारिज कर दिया लेकिन कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने चर्चा का जवाब देते हुए इस बारे में राजग सरकार की पूरी तैयारी को भी पुरजोर तरीके से रखा।
इस विधेयक के पारित हो जाने के साथ ही सरकार ने 204 कोयला ब्लॉकों के नए सिरे से आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सरकार की तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पारित विधेयक के प्रावधानों को एक दिन पहले ही अधिसूचित कर दिया ताकि ब्लॉक आवंटन में देरी न हो। आम तौर पर विधेयक पारित होने के कई दिनों बाद प्रावधानों को अधिसूचित किया जाता है। बहरहाल, गोयल ने विपक्ष को इस बात का आश्वासन दिया कि देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआइएल) के निजीकरण करने की सरकार कोई मंशा नहीं रखती बल्कि योजना इस कंपनी को और मजबूत बनाने की है।