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कोयला ब्लॉकों के आवंटन का रास्ता साफ

पिछले चार वर्षो से एक अहम राजनीतिक मुद्दा बन चुके कोयला ब्लॉकों के आवंटन का मामला अब एक निश्चित समाधान की तरफ बढ़ता दिख रहा है। शुक्रवार लोकसभा में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रद 204 कोयला ब्लॉकों के आवंटन का रास्ता साफ करने के उद्देश्य से पेश कोयला खनन

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 12 Dec 2014 09:31 PM (IST)
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नई दिल्ली। पिछले चार वर्षो से एक अहम राजनीतिक मुद्दा बन चुके कोयला ब्लॉकों के आवंटन का मामला अब एक निश्चित समाधान की तरफ बढ़ता दिख रहा है। शुक्रवार लोकसभा में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रद 204 कोयला ब्लॉकों के आवंटन का रास्ता साफ करने के उद्देश्य से पेश कोयला खनन (विशेष प्रावधान) 2014 को पारित कर दिया गया। लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने वैसे तो इस विधेयक के जरिये कोयला उत्पादन बढ़ाने के दावे को खारिज कर दिया लेकिन कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने चर्चा का जवाब देते हुए इस बारे में राजग सरकार की पूरी तैयारी को भी पुरजोर तरीके से रखा।

इस विधेयक के पारित हो जाने के साथ ही सरकार ने 204 कोयला ब्लॉकों के नए सिरे से आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सरकार की तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पारित विधेयक के प्रावधानों को एक दिन पहले ही अधिसूचित कर दिया ताकि ब्लॉक आवंटन में देरी न हो। आम तौर पर विधेयक पारित होने के कई दिनों बाद प्रावधानों को अधिसूचित किया जाता है। बहरहाल, गोयल ने विपक्ष को इस बात का आश्वासन दिया कि देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआइएल) के निजीकरण करने की सरकार कोई मंशा नहीं रखती बल्कि योजना इस कंपनी को और मजबूत बनाने की है।

गोयल ने बताया कि सीआइएल अगले पांच वर्षो में अपने कोयला उत्पादन को बढ़ाकर एक अरब टन कर देगी। सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने का खाका बना चुकी है। 30 करोड़ टन कोयला सीआइएल के 200 ऐसे खदानों से आएगा जहां अभी तक खनन नहीं होता है। 20 करोड़ टन अतिरिक्त कोयला मौजूदा खदानों में नई तकनीकी का इस्तेमाल कर निकाला जाएगा। 20 करोड़ टन उन रद ब्लॉकों से आएगा जिनका नए सिरे से आवंटन होना है। 20 से 30 करोड़ टन कोयले का अतिरिक्त खनन तीन नए रेलवे नेटवर्क से होगा। कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया के आरोपों के जवाब में गोयल ने यह जानकारी दी।

सिंधिया ने एक अरब टन कोयला उत्पादन की योजना को हवा में किले बनाना बताया था। सिंधिया ने सरकार की मंशा को लेकर सात सवाल पूछे थे जो किसी न किसी तरह से इस विधेयक से जुड़े हुए हैं। सिंधिया को उनके बेहद आक्रामक तेवर पर सदन में बैठे सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मेजें थपथपा कर उत्साहव‌र्द्धन किया। कई विपक्षी नेताओं ने इस विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की बात कही, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया।

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