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अजित के 'अंक'में अमर का 'शून्य'

समाजवादी पार्टी के कभी स्टार रहे अमर सिंह राजनीति के मैदान में अलग पार्टी लोकमंच के गठन का दांव भी खेल चुके हैं। अब उन्होंने हैंडपंप थाम लिया है। रालोद मुखिया अजित के साथ आने के बाद वह फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी हैं। अमर सिंह का कहना है कि कभी सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने उन्हें शून्य कहा था, अब यही शून्य अजित सिंह के अ

By Edited By: Updated: Tue, 18 Mar 2014 08:03 AM (IST)
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आगरा। समाजवादी पार्टी के कभी स्टार रहे अमर सिंह राजनीति के मैदान में अलग पार्टी लोकमंच के गठन का दांव भी खेल चुके हैं। अब उन्होंने हैंडपंप थाम लिया है। रालोद मुखिया अजित के साथ आने के बाद वह फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी हैं। अमर सिंह का कहना है कि कभी सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने उन्हें शून्य कहा था, अब यही शून्य अजित सिंह के अंक से जुड़ गया है। ये बड़ा राजनीतिक बदलाव लाएगा। रालोद प्रत्याशी अमर सिंह से जागरण ने दूरभाष पर वार्ता की। इसमें रालोद में शामिल होने के फैसले से लेकर उनकी एजेंडे तक पर सवाल किए। रालोद के साथ और फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ने के सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि पूर्वाचल के गठन की लड़ाई में अकेला पड़ गया था, जनता ने मुझे पूरी तरह स्वीकार नहीं किया। सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा था कि अमर सिंह शून्य हैं, मैं इस बात को मानता हूं। इस शून्य को एक अंक की तलाश थी, जो मुझे अजित सिंह के रूप में मिला है। यही शून्य जब अजित सिंह के अंक से मिलेगा, तो पूरब से पश्चिम तक नए राजनीतिक संघर्ष का जन्म होगा।

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जनता अमर सिंह को क्यों वोट देगी, इस सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि उप्र के विकास के लिए विभाजन जरूरी है। छोटे राज्यों की तरक्की ज्यादा होती है, उत्तराखंड इसका उदाहरण है। रालोद पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह की विरासत है, उन्होंने कभी सत्ता के लिए सत्ता हासिल नहीं की। किसानों को जो जमीन मिली वो उन्हीं की देन है, अब जाट आरक्षण के जरिए उनके बेटों को अजित के कारण नौकरी मिलेगी। जनता विकास चाहती है, इसलिए हमें वोट देगी। सीकरी का विकास कैसे कराएंगे, इस सवाल पर रालोद प्रत्याशी ने कहा कि आगरा और फतेहपुर सीकरी विश्व पर्यटन मानचित्र पर अहम जगह रखते हैं। जब एक पिरामिड से मिस्त्र देश तरक्की कर सकता है, वह भी तब जब पिरामिड में अंदर जाने की इजाजत नहीं है तो फतेहपुर सीकरी को ऐतिहासिक-सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। मैं सीकरी की आवाज बनूंगा। ईश्वर ने इतनी बड़ी आवाज दी है कि ये गुम नहीं हो सकती। कहा, मैंने पूर्वाचल की लड़ाई और अजित सिंह की हरित प्रदेश की लड़ाई राजनीतिक नहीं हैं। हम शुरू से इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं।