उत्तराखंड में सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल सवालों के घेरे में
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने के बीच राज्यपाल केके पॉल की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने के बीच राज्यपाल केके पॉल की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि पूरे प्रकरण में राज्यपाल की भूमिका संदिग्ध रही है।
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उनके अनुसार वित्त विधेयक गिरने के बाद राज्यपाल को तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा करनी चाहिए थी या फिर दो-तीन के भीतर विधान सभा में बहुमत साबित करने के लिए कहना चाहिए था। लेकिन मुख्यमंत्री हरीश रावत के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्होंने 28 मार्च तक का समय दे दिया। इससे विधायकों की खरीद-फरोख्त का अवसर मिल गया, जो मुख्यमंत्री के स्टिंग से साफ हो गया है।
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