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शाह की युवा टीम में वरुण नहीं, येद्दयुरप्पा, राम माधव व पूनम महाजन को मिली जगह

भाजपा में अब तक के सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पूरी टीम भी सबसे युवा बनाई गई है। शनिवार को घोषित केंद्रीय टीम की औसत आयु 50 वर्ष के आसपास है। नया रंग,नई जोश और संगठनात्मक क्षमता के लिहाज से कुछ बड़े चेहरों को हटाने में भी मुरव्वत नहीं की गई। युवा चेहरा वरुण गांधी को भी टीम में जगह नहीं मिली। वहीं आरएसएस से आए राम माधव और स्वर्गीय प्रमोद महाजन की पुत्री पूनम महाजन जैसे नए चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी देने में भी कोई झिझक नहीं दिखी।

By Edited By: Updated: Sun, 17 Aug 2014 07:46 AM (IST)
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नई दिल्ली [आशुतोष झा]। भाजपा में अब तक के सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पूरी टीम भी सबसे युवा बनाई गई है। शनिवार को घोषित केंद्रीय टीम की औसत आयु 50 वर्ष के आसपास है। नया रंग,नई जोश और संगठनात्मक क्षमता के लिहाज से कुछ बड़े चेहरों को हटाने में भी मुरव्वत नहीं की गई। युवा चेहरा वरुण गांधी को भी टीम में जगह नहीं मिली। वहीं आरएसएस से आए राम माधव और स्वर्गीय प्रमोद महाजन की पुत्री पूनम महाजन जैसे नए चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी देने में भी कोई झिझक नहीं दिखी।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा को उपाध्यक्ष बनाया गया है। माना जा रहा है कि संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति में भी कुछ ऐसे ही बदलाव की झलक दिखेगी। बहरहाल, घोषित हो चुकी टीम से एक संदेश स्पष्ट होकर उभरा है शाह संघ के साथ पूरा तालमेल बिठाकर आगे बढ़ना चाहते हैं। संघ के रास्ते भाजपा में आए संगठन महासचिवों और संयुक्त महासचिवों की संख्या भी अब तीन से बढ़कर पांच हो गई है। जबकि महासचिव के स्तर पर तीन पदाधिकारियों का संघ के गहरा नाता रहा है। जाहिर है कि शाह के कार्यकाल में संगठन को जमीनी स्तर तक पहुंचाने की कोशिश तेज होगी। शाह ने अपनी टीम में 11 उपाध्यक्ष, आठ महासचिव, 14 सचिव और दस प्रवक्ता शामिल किए हैं।

पिछले ही हफ्ते राष्ट्रीय परिषद से अध्यक्ष पद पर मुहर लगने के बाद शनिवार को शाह ने टीम का ऐलान कर दिया। बैठक में ही अगले चार-पांच साल तक होने वाले चुनावों में जीत का संकल्प दिखाते हुए शाह ने उत्तर प्रदेश समेत दक्षिण के राज्यों पर विशेष ध्यान भी दिया। महज डेढ़ दो साल पहले केंद्रीय केंद्रीय राजनीति में आए अमित शाह ने यह ध्यान रखा कि कार्यकुशलता और संगठनात्मक क्षमता की कसौटी पर परखे हुए लोगों को ही टीम में जगह दी जाए। लिहाजा छत्तीसगढ़ का कार्यभार देखते रहे जेपी नड्डा, महाराष्ट्र के प्रभारी महासचिव रहे राजीव प्रताप रूड़ी को बरकरार रखा गया तो संघ से आए राम माधव को भी महासचिव पद की अहम जिम्मेदारी दी गई। संघ के कोटे से राजनाथ सिंह के कार्यकाल में महामंत्री बने मुरलीधर राव का पद भी बरकरार है। हां, महिला मोर्चा की अध्यक्ष सरोज पांडे को महासचिव बनाना जरूर कुछ लोगों को चकित कर रहा है। सरोज लोकसभा चुनाव भी हार चुकी हैं और छत्तीसगढ़ में लगातार तीसरी बार जीत कर आए मुख्यमंत्री रमन सिंह से उनके रिश्ते भी बहुत मधुर नहीं हैं। उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी, प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और सुधांशु त्रिवेदी पर भी शाह ने विश्वास जताया। मुख्तार ने पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के पूरे कार्यक्रम का जिम्मा संभाला था तो शाहनवाज और सुधांशु ने बतौर प्रवक्ता हर मुद्दे पर मोर्चा संभाला था। हालांकि इस बार सुंधाशु को सचिव पद नहीं मिला। शाहनवाज लगातार 10 वर्षो से प्रवक्ता के पद पर बरकरार हैं।

बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास के नारे पर ही हर राज्य को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश हुई और इसका ध्यान रखा गया कि टीम युवा हो। बताते हैं कि औसत आयु शाह की आयु से अधिक नहीं है। संभवत: चुनाव की दृष्टि से ही अब संगठन का जिम्मा क्षेत्रों में बांटकर महासचिवों को दिया जा सकता है। संगठन महासचिव रामलाल के साथ वी सतीश और सौदान सिंह का पद तो बरकरार रहेगा ही, लोकसभा चुनाव में शाह के करीब हुए शिव प्रकाश और कर्नाटक से बीएल संतोष को भी संयुक्त महासचिव बनाया गया है। बताते हैं कि संगठन के काम अब इन पांच संगठन महासचिवों में बंटेगा।

कुछ बोल्ड फैसले भी लिए गए। मसलन बिहार के कोटे से आए वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर, उत्तर प्रदेश से वरुण गांधी जैसे चेहरों का पत्ता कट गया। दूसरी तरफ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा, उप्र0 से सत्यपाल मलिक को उपाध्यक्ष तो सचिवों में प्रमोद महाजन की पुत्री पूनम महाजन, उत्तर प्रदेश से श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ नाथ सिंह, बिहार से रजनीश कुमार जैसे युवा चेहरों को जोड़ा गया। इस फेर बदल के क्रम में शाह ने राष्ट्रीय टीम में एक तिहाई महिला पदाधिकारी रखने के संविधान के फार्मूले पर चूक कर दी है। शाह की टीम में तय संख्या से कम महिलाएं हैं। संविधान के अनुसार अधिकतम पदाधिकारियों की संख्या पूरी गई तो उनकी टीम में दो-दो उपाध्यक्ष और महासचिव का पद फिलहाल रिक्त है।

बताते हैं कि जल्द ही संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति का भी गठन हो जाएगा। बदलाव वहां भी दिख सकते हैं। संभव है कि कुछ बदलाव चकित करें।

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शाह की टीम में आ सकते हैं रुपाला और रुपाणी

भाजपा पदाधिकारियों की सूची

अमित शाह( अध्यक्ष)

उपाध्यक्ष

1-बंडारू दत्तात्रेय (तेलंगाना)

2-बीएस येद्दयुरप्पा (कर्नाटक)

3-सत्यपाल मलिक (यूपी)

4-मुख्तार अब्बास नकवी (यूपी)

5-पुरुषोत्तम रूपाला (गुजरात)

6-प्रभात झा (मध्य प्रदेश)

7-रघुवर दास (झारखंड)

8-किरन महेश्वरी (राजस्थान)

9-विनय सहस्त्रबुद्धे (महाराष्ट्र)

10-रेणु देवी (बिहार)

11-दिनेश शर्मा (यूपी)

महासचिव

1-जगत प्रकाश नड्डा (हिमाचल)

2-राजीव प्रताप रूडी (बिहार)

3-मुरलीधर राव ((तेलंगाना)

4-राम माधव (आंध्र प्रदेश)

5-सरोज पांडे (छत्तीसगढ़)

6-भूपेंद्र यादव (राजस्थान)

7-प्रो. रामशंकर कठेरिया (यूपी)

8-राम लाल (दिल्ली)

संयुक्त महासचिव

1-वी सतीश (कर्नाटक)

2-सौदान सिंह (छत्तीसगढ़)

3-शिव प्रकाश (उत्तर प्रदेश)

4-बीएल संतोष (कर्नाटक)

सचिव

1-श्याम जाजू (महाराष्ट्र)

2-डॉ. अनिल जैन (दिल्ली )

3-एच राजा (तमिलनाडु)

4-रोमन ढेका (असम)

5-सुधा यादव (हरियाणा)

6-पूनम महाजन (महाराष्ट्र)

7-राम विचार नेताम (छत्तीसगढ़)

8-अरुण सिंह (यूपी)

9-सिद्धार्थ नाथ सिंह (यूपी)

10-सरदार आरपी सिंह (दिल्ली)

11-श्रीकांत शर्मा (यूपी)

12-ज्योति धुर्वे (मध्य प्रदेश)

13-तरुण चुघ (पंजाब)

14-रजनीश कुमार (बिहार)

प्रवक्ता

1-शाहनवाज हुसैन (बिहार)

2-डॉ. सुधांशु त्रिवेदी (यूपी)

3-मीनाक्षी लेखी (दिल्ली)

4-एमजे अकबर (दिल्ली)

5-विजय सोनकर शास्त्री (यूपी)

6-ललित कुमारमंगलम (तमिलनाडु)

7-नलिन कोहली (दिल्ली)

8-डॉ. संबित पात्रा (ओडिशा)

9-अनिल बलूनी (उत्तराखंड)

10-जीवीएल नरसिम्हा राव (आंध्र प्रदेश)

मोर्चा अध्यक्ष

महिला मोर्चा : विजया रहतर (महाराष्ट्र)

युवा मोर्चा : अनुराग ठाकुर (हिमाचल प्रदेश)

अनुसूचित जाति मोर्चा : दुष्यंत कुमार गौतम (दिल्ली)

अनुसूचित जनजाति मोर्चा : फग्गन सिंह कुलस्ते (मध्य प्रदेश)

अल्पसंख्यक मोर्चा : अब्दुल राशिद अंसारी

कार्यालय सचिव

इंजीनियर अरुण कुमार जैन (दिल्ली)