यूपी भाजपा में दिखने लगा 'शाह इफेक्ट', पूर्व पदाधिकारी भी बनेंगे प्रभारी
उत्तर प्रदेश भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का 'शाह इफेक्ट' दिखने लगा है। अब मिशन-2017 की तैयारी को संगठन में कसाव लाने के लिए परिणाम आधारित फार्मूले को लागू किया जाएगा, शुरुआत प्रकोष्ठों से होगी। नौ समूहों में बांटे गए 48 प्रकोष्ठों के संयोजकों से उनके कार्यों का ब्यौरा मांगा गया और एक माह में बेहतर रिजल्ट नहीं देने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी। नियमित निगरानी के लिए महामंत्री स्तर के एक पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है।
लखनऊ, [अवनीश त्यागी]। उत्तर प्रदेश भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का 'शाह इफेक्ट' दिखने लगा है। अब मिशन-2017 की तैयारी को संगठन में कसाव लाने के लिए परिणाम आधारित फार्मूले को लागू किया जाएगा, शुरुआत प्रकोष्ठों से होगी। नौ समूहों में बांटे गए 48 प्रकोष्ठों के संयोजकों से उनके कार्यों का ब्यौरा मांगा गया और एक माह में बेहतर रिजल्ट नहीं देने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी। नियमित निगरानी के लिए महामंत्री स्तर के एक पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल के कामकाज संभालने के तुरन्त बाद मोर्चा- प्रकोष्ठों की समीक्षा शुरू की। कहने के लिए प्रदेश में 48 प्रकोष्ठों का जिलास्तर तक संगठनात्मक ढ़ांचा बना है परन्तु आधे से ज्यादा प्रकोष्ठ महज पद बांटने तक ही सीमित रहें। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है, प्रकोष्ठों के जरिए विभिन्न वर्गो को जोड़ने का प्लान था लेकिन सबके रिजल्ट अपेक्षित नहीं रहें। पद लेकर घर बैठने वालों को संगठन के दायित्व से मुक्त करने का विचार है।