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राम मंदिर बनाने के लिए चाहिए 370 सीटेंः अमित शाह

मोदी सरकार की एक साल की उपलब्धियां जन-जन तक पहुंचाने में जुटी भाजपा फिलहाल विवादों में फंसने से बच रही है। शायद यही कारण है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अनुच्छेद 370 हटाने, राम मंदिर निर्माण व समान नागरिक संहिता लागू करने जैसे पार्टी के कोर मुद्दे को सांसदों

By Sachin kEdited By: Updated: Wed, 27 May 2015 07:42 AM (IST)
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नई दिल्ली। मोदी सरकार की एक साल की उपलब्धियां जन-जन तक पहुंचाने में जुटी भाजपा फिलहाल विवादों में फंसने से बच रही है। शायद यही कारण है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अनुच्छेद 370 हटाने, राम मंदिर निर्माण व समान नागरिक संहिता लागू करने जैसे पार्टी के कोर मुद्दे को सांसदों की कमी का हवाला देते हुए टाल दिया।

उन्होंने कहा कि भाजपा मंदिर निर्माण समेत अपने कोर मुद्दों से पीछे नहीं हटी है, लेकिन इन्हें पूरा करने लायक फिलहाल पार्टी के पास बहुमत नहीं है। अमित शाह के अनुसार इसके लिए भाजपा को लोकसभा में अकेले कम-से-कम 370 सीटें चाहिए।

सरकार की उपलब्धियां गिनाने पहुंचे अमित शाह से पूछा गया था कि वाजपेयी सरकार के दौरान भाजपा ने कोर मुद्दों को गठबंधन का हवाला देते हुए किनारे कर दिया था। उस समय पार्टी का कहना था कि जब बहुमत की सरकार बनेगी तो इन मुद्दों पर आगे बढ़ा जाएगा।

अब जबकि भाजपा की अपनी बहुमत के साथ सरकार बन चुकी है, इन कोर मुद्दों पर पार्टी चुप क्यों है? उन पर कार्रवाई से क्यों कतरा रही है? इसके जबाव में अमित शाह का कहना था कि भाजपा अब भी अपने कोर मुद्दे पर कायम है, लेकिन उन्हें क्रियान्वित करने लायक बहुमत अभी पार्टी के पास नहीं है।

अमित शाह के जबाव से साफ है कि पार्टी फिलहाल इन विवादित मुद्दों को छेड़ने के पक्ष में नहीं है। लेकिन वह उनसे दूर होते हुए भी नहीं दिखना चाहती है। इसी तरह राम मंदिर, गोहत्या, श्रम सुधार व विदेशी निवेश पर आरएसएस के सहयोगी संगठनों विश्व हिंदू परिषद, भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच की सरकार की आलोचना पर पूछे गए सवाल को उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि सहयोगी संगठनों के साथ मामला आपसी बातचीत के जरिये सुलझा लिया जाएगा।

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