कोर्ट की निगरानी में हो सिख दंगों की एसआइटी जांच
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें वर्ष 1
By Edited By: Updated: Mon, 17 Feb 2014 11:23 PM (IST)
नई दिल्ली, [जाब्यू]। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल [एसआइटी] गठित कर कराए जाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिका पर कोई आदेश जारी नहीं किया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नानावती आयोग की रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दे दिया है। नानावती आयोग ने सिख विरोधी दंगों की जांच की थी।
सिख विरोधी दंगों के सभी मामलों की एसआइटी से जांच कराने की मांग वाली यह याचिका सुदर्शन सिंह वजीर ने दाखिल की है। सोमवार को जब याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील सुनील सेठी ने कोर्ट से दंगों के सभी मामलों की जांच के लिए एसआइटी गठित करने और जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच में जो लोग दंगा भड़काने या करने के दोषी पाए जाएं उनके खिलाफ मामला दर्ज कर मुकदमा चलाया जाए। पढ़ें : बेटी ने कहा, वर्ष 1984 में बेबस थे पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह न्यायामूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता वाली पीठ ने उनकी दलीलें सुनने के बाद कहा कि वे नानावती आयोग की रिपोर्ट की जांच करें और यह पता लगाएं कि ऐसे कौन से मुद्दे बचें हैं जिनमें सुप्रीम कोर्ट के दखल की जरूरत है। पीठ ने आयोग की रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज पेश करने के लिए याचिकाकर्ता को दो सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई टाल दी। वजीर की याचिका में एसआइटी के गठन के साथ ही सिख विरोधी दंगों के मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें गठित करने की भी मांग की गई है।