Move to Jagran APP

सेंसर बोर्ड में अब फौजी जानकारों की नुमाइंदगी

विवादों में घिरे सेंसर बोर्ड के पुनर्गठन की कवायद के बीच सरकार ने इसमें रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधि को भी जगह देने की तैयारी कर ली है

By Sudhir JhaEdited By: Updated: Sat, 01 Nov 2014 09:40 PM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विवादों में घिरे सेंसर बोर्ड के पुनर्गठन की कवायद के बीच सरकार ने इसमें रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधि को भी जगह देने की तैयारी कर ली है। ऐसे में जल्द ही पुनर्गठित होने जा रहे फिल्म सेंसर बोर्ड में अब सैन्य मामलों की समझ रखने वाला सदस्य भी मौजूद रहेगा।

महत्वपूर्ण है कि हालिया रिलीज हुई फिल्म 'हैदर' में कश्मीर घाटी में सेना और सुरक्षाबलों की भूमिका के चित्रण को लेकर सवाल उठे थे। साथ ही सैन्य खेमों से इस बात के सुर भी उठे थे कि फिल्मों को प्रसारण की मंजूरी देने वाले सेंसर बोर्ड की फौजी मामलों के जानकारों से बातचीत होनी चाहिए थी।

सूचना प्रसारण मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन सेंसर बोर्ड का जल्द ही पुनर्गठन किया जाएगा। साथ ही इसमें रक्षा मामलों की जानकारी रखने वाला एक प्रतिनिधि भी मौजूद रहेगा। वैसे सेंसर बोर्ड एक स्वायत्तशासी संस्था है जिसके सभी सदस्य गैर-सरकारी होते हैं। हालांकि इसके सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति सरकार ही करती है। गौरतलब है कि दो माह पहले घूसखोरी के आरोपों के बाद फिल्म सेंसर बोर्ड के सीईओ को हटाया गया था। साथ ही इसी माह सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बोर्ड को नए सिरे से गठित करने की भी बात कही थी। बोर्ड की मौजूदा अध्यक्ष लीला सैमसन हैं जिन्हें 2011 में यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

पढ़ेंः शाहरुख के साथ फोंटो खिंचवाने के लिए सेंसर बोर्ड ने बदले नियम?