भारतीयों के दमन का हथियार है अनुच्छेद-370
नई दिल्ली। मोदी की ओर से छेड़ी बहस को लेकर आ रही तीखी प्रतिक्रिया पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा है कि अनुच्छेद-370 का धर्मनिरपेक्षता से कोई लेना-देना नहीं है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि भारतीयों के खिलाफ इस अनुच्छेद का हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। जेटली ने कहा कि अ
By Edited By: Updated: Wed, 04 Dec 2013 10:24 PM (IST)
नई दिल्ली। मोदी की ओर से छेड़ी बहस को लेकर आ रही तीखी प्रतिक्रिया पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा है कि अनुच्छेद-370 का धर्मनिरपेक्षता से कोई लेना-देना नहीं है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि भारतीयों के खिलाफ इस अनुच्छेद का हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
जेटली ने कहा कि अनुच्छेद केवल जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान करता है। यह अस्थायी प्रावधान है। यह केंद्र और राज्य के बीच शक्ति के बंटवारे को लेकर है। जम्मू-कश्मीर के बारे में केंद्र की शक्तियां कम है। ज्यादातर शक्तियां राज्य विधायिका के पास हैं। अगर केंद्र से जम्मू-कश्मीर को किसी शक्ति का हस्तांतरण करना है तो राज्य की सहमति जरूरी होगी। पढ़ें : अनुच्छेद 370 पर मोदी को मिला सुनंदा का साथ जेटली ने सोशल साइट पर बुधवार को पोस्ट किया कि 1947 में [देश के बंटवारे के समय] लाखों लोग भारत आए। जो लोग भारत के अन्य हिस्सों में बसे उन्हें सारी संवैधानिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। वे संविधान में दिए सभी मौलिक अधिकारों के पात्र हैं। जो जम्मू-कश्मीर में जा बसे उन्हें भी भारत की नागरिकता प्रदान की गई। वे लोकसभा चुनावों में भी हिस्सा ले सकते हैं। वे भारत में कहीं भी संपत्ति ले सकते हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश जम्मू-कश्मीर ने अनुच्छेद-6 के चलते उन्हें राज्य की नागरिकता नहीं दी । ऐसा कर भारत के नागरिक के तौर पर उनके साथ भेदभाव किया गया है।
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