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अनुच्छेद 370 पर मोदी को मिला सुनंदा का साथ

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समीक्षा करने के मोदी के बयान पर राजनीति तेज है। विरोधियों की तरफ से तमाम आलोचनाओं के बीच केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्‍‌नी सुनंदा पुष्कर ने मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए। सुनंदा पुष्कर का कहना है कि इसमें महिलाओं के साथ भेदभाव होता है।

By Edited By: Updated: Tue, 03 Dec 2013 08:14 PM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समीक्षा करने के मोदी के बयान पर राजनीति तेज है। विरोधियों की तरफ से तमाम आलोचनाओं के बीच केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्‍‌नी सुनंदा पुष्कर ने मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए। सुनंदा पुष्कर का कहना है कि इसमें महिलाओं के साथ भेदभाव होता है।

एक समाचार चैनल से बातचीत में सुनंदा ने कहा, 'अनुच्छेद 370 पर फिर से विचार हो। मैं यह नहीं कह रही हूं कि इसे खत्म किया जाए। कश्मीरियत को बचाए रखना जरूरी है, यह मैं जानती हूं। लेकिन मैं वहां जाकर अपने घर में रहना चाहती हूं। कश्मीर की मेरी कुछ दोस्त बताती हैं कि बाहरी व्यक्ति से शादी करने के बाद हम लड़कियों को यहां सरकारी नौकरी नहीं मिलती। जबकि बाहरी लड़की अगर कश्मीरी लड़के से शादी करती है तो उसे और उसके बच्चों को सभी अधिकार मिल जाते हैं।

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मैंने जम्मू में जमीन खरीदने की कोशिश की, तो मुझसे यह कहा गया कि बाहरी व्यक्ति से शादी से कारण मैं जमीन नहीं खरीद सकती। मेरे रिश्तेदार ने महाराष्ट्र की लड़की से शादी की है और उनके दोनों बच्चे के नाम से राज्य में प्रॉपर्टी हैं। थरूर की पत्‍‌नी ने इस मसले पर भाजपा पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया और दबे स्वर में इसके लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराया।

नहीं हटाई जा सकती धारा 370

उन्होंने कहा कि भाजपा जब सत्ता में थी तो इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसके बाद सुनंदा ने कहा कि हो सकता है कि मेरे जवाब से मेरे पति चिढ़ जाएं लेकिन मैं एक कश्मीरी और महिला भी हूं। सुनंदा ने कहा कि अगर मेरी जानकारी गलत नहीं है तो धारा-370 की धीरे-धीरे विदाई होनी थी, लेकिन मुझे नहीं पता कि यह कैसे होना था।

दिग्विजय सिंह के बयान (अनुच्छेद 370 विकास में अवरोध नहीं है) पर उन्होंने कहा कि इससे मैं सहमत हूं। यहां तक कि राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा है कि इसके कारण राज्य में विकास नहीं रुका है। मैं यह भी मानती हूं कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर वापस लाने के लिए कुछ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2003 तक कुछ नहीं किया और इस समय राजनैतिक माहौल के कारण हर कोई इस पर चर्चा कर रहा है।

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