राहुल की 'फेयर एंड लवली' टिप्पणी नस्लभेदीः अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कालेधन के मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी 'फेयर एंड लवली' को नस्लभेदी करार दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कालेधन के मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी 'फेयर एंड लवली' को नस्लभेदी करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने कालाधन रखने वालों को न तो एमनेस्टी दी है और न ही कोई रियायत।
आम बजट 2016-17 पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने विपक्ष की आलोचना को तर्क और तथ्यों के साथ खारिज किया। उन्होंने जीएसटी और दिवालियेपन पर कानून जैसे लंबित सुधारों पर विपक्ष से सहयोग मांगा। वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वर्ष 2016-17 की अनुदान मांगों को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही विनियोग विधेयक को भी ध्वनिमत से सदन ने पारित कर दिया।
पढ़ेंः एंजेडा तय करने वाले चैनलों की बजाय अब परंपरागत मीडिया मोर्चा संभाले : जेटली
कालेधन पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी 'फेयर एंड लवली' को नस्लभेदी करार देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह शब्दावली राजनीतिक रूप से त्रुटिपूर्ण है और इससे नस्लभेदी मानसिकता प्रकट होती है।
जेटली ने जिस समय यह जवाब दिया, उस समय राहुल गांधी सदन में नहीं थे। जेटली ने कांग्रेस तथा संयुक्त मोर्चा की पूर्व सरकारों की कालेधन माफी योजनाओं का उदाहरण देते हुए साफ कहा कि अघोषित आय का खुलासा करने के संबंध में मोदी सरकार की 30 प्रतिशत टैक्स और 15 प्रतिशत पेनाल्टी लगाने वाली योजना न तो कालेधन को माफी है और न ही किसी प्रकार की रियायत। जेटली ने कहा कि 1997 में संयुक्त मोर्चा सरकार वीडीआइएस के नाम से एक योजना लाई थी जिसमें न तो कालाधन रखने वालों पर पेनाल्टी लगाई गई और न ही ब्याज वसूला गया। इस योजना को लाने वाली सरकार का समर्थन उस समय कांग्रेस ही कर रही थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा योजना न तो किसी प्रकार की रियायत है और न ही कोई एमनेस्टी।
जेटली ने बिहार, जम्मू कश्मीर और आंध्र प्रदेश के लिए घोषित पैकेजों की धनराशि जारी करने के संबंध में भी सरकार की प्रतिबद्धता प्रकट की। उन्होंने दलितों और आदिवासियों की योजनाओं के धन में कटौती के विपक्ष के आरोप की पोल खोलते हुए कहा कि एससी और एसटी सब प्लान के बजट में क्रमश: 12 और 14.5 प्रतिशत वृद्धि की गई है।
पढ़ेंः जेटली ने RBI सेंट्रल बोर्ड के निदेशकों से बजट की बारीकियां कीं साझा
बजट में राज्यों, किसानों, गरीबों और आर्थिक सुधारों के उपाय
आम बजट 2016-17 को यथार्थवादी बजट करार देते हुए जेटली ने कहा कि इसमें राज्यों, किसानों, गरीबों और आर्थिक सुधारों के उपाय किए गए हैं।
इससे पूर्व बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सरकार पर कई प्रकार के टैक्स लगाने का आरोप भी लगाया।
जेटली ने थरूर को जवाब देते हुए कहा कि उनकी आलोचना में अर्थशास्त्र कम था कविता ज्यादा थी। उन्होंने थरूर की दलीलों को 'शशिनॉमिक्स' करार दिया। जेटली ने कहा कि चौदहवें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्रीय करों राज्यों की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़कर 42 होने से केंद्र के लिए जरूरी था कि वह धनराशि जुटाने को कुछ सेस लगाए।
पढ़ेंः GST, दिवाला बिल संसद के चालू सत्र में पारित होने की उम्मीदः अरुण जेटली