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इशरत जहां केस में एक नेता को निशाना बनाना चाहती थी कांग्रेस: अरुण जेटली

इशरत जहां मुठभेड़ मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विरोधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जेटली ने आज कहा ‘यह मामला सिर्फ एक हलफनामे में बदलाव के बारे में नहीं था । 90 दिनों तक उन लोगों के खिलाफ कोई आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया जो इस

By Manish NegiEdited By: Updated: Tue, 08 Mar 2016 09:04 PM (IST)
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नई दिल्ली। इशरत जहां मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सभी मुद्दों पर राजनीति करने की आदत पड़ चुकी है। कांग्रेस के नेता तथ्यों को झुठला देते हैं गलतबयानी करके देश को धोखा देते हैं। जेटली ने साफ साफ कहा कि‘इशरत जहां का मामला सिर्फ एक हलफनामे में बदलाव के बारे में नहीं था । 90 दिनों तक उन लोगों के खिलाफ कोई आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया जो इस मामले में शामिल थे।’

वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार इशरत के मुद्दे पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रही थी। दिल्ली में बैठी हुई सरकार इस बात की कोशिश कर रही थी कि किसी भी तरह गुजरात के उस कद्दावर नेता के नाम को बदनाम करो। और उसकी राजनीति को सदा सदा के लिए खत्म कर दो।इशरत के मुद्दे पर भाजपा हमेशा से मानती रही है कि वो आतंकी थी। और लश्कर से जुड़े आतंकी नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की फिराक में थे। मुंबई हमलों के बाद गिरफ्त में आया आतंकी डेविड हेडली ने भी ये साफ कर दिया था कि इशरत लश्कर से जुड़ी हुई थी। वो गुजरात के एक प्रमुख नेता को मारने की योजना बना रही थी। लेकिन कांग्रेस के नेता निहित स्वार्थ के लिए एक तरह का प्रोपगेैंडा रचने में जुटे थे जिसके सूत्रधार कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता थे।

जेटली ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के बयान के बाद अब सब कुछ साफ हो गया है कि नरेंद्न मोदी की राजनीति पर ग्रहण लगाने के लिए कांग्रेस नेता पूरी तैयारी में जुटे थे।

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