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आसाराम प्रकरण : संत सम्मेलन पर रोक के बाद शाहजहांपुर में तनाव

धर्म रक्षा मंच की ओर से रविवार को होने वाले संत सम्मेलन पर प्रशासन की ओर से रोक लगने के बाद शहर में तनाव फैल गया। कागजी कार्रवाई पूर्ण कर प्रशासन ने रात करीब एक से लेकर पांच बजे तक पूरा खिरनीबाग स्थित रामलीला मैदान खाली करा दिया। यहां पर बडी संख्या में पुलिस व पीएसी मुस्तैलद करा दी गई है। प्रशासनिक अधिकारी भी बराबर जायजा लेते रहे।

By Edited By: Updated: Sun, 16 Feb 2014 02:37 PM (IST)

शाहजहांपुर। धर्म रक्षा मंच की ओर से रविवार को होने वाले संत सम्मेलन पर प्रशासन की ओर से रोक लगने के बाद शहर में तनाव फैल गया। कागजी कार्रवाई पूर्ण कर प्रशासन ने रात करीब एक से लेकर पांच बजे तक पूरा खिरनीबाग स्थित रामलीला मैदान खाली करा दिया। यहां पर बडी संख्या में पुलिस व पीएसी मुस्तैलद करा दी गई है। प्रशासनिक अधिकारी भी बराबर जायजा लेते रहे। रविवार सुबह सम्मेलन के आयोजकों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर आयोजन की अनुमति की मांग की लेकिन उन्होंसने जांच कराने की बात कहकर मामला टाल दिया। दूरदराज से आए आसाराम समर्थक उनके रुद्रपुर स्थित आश्रम गए और मत्था टेका। शहर में सैकडों बाहरी लोग विभिन्न विश्रामालयों पर रुके हुए थे जो कार्यक्रम निरस्त होने की सूचना पर आक्रोशित होकर वापस लौट गए। दूसरी ओर पीडिता के समर्थक आसाराम बापू के साहित्यकार की होली जलाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन सीओ सिटी के समझाने के बाद ऐसा न करने के लिए मान गए।

पीड़िता को घेरने का चक्रव्यूह ध्वस्त

दुष्कर्म के आरोप में फंसे आसाराम समर्थकों ने पीड़िता के पिता की गुहार और कानून व्यवस्था बिगडऩे की आशंका के चलते यह फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में आसाराम के कंट्टर समर्थक माने जाने वाले कुछ कथावाचक और बाबा शिरकत करते। साथ ही महाभारत के भीष्म यानी अभिनेता मुकेश खन्ना को भी बुलाया गया था।

संत सम्मेलन की परमीशन रद

पीड़िता के पिता ने प्रशासन से आसाराम के समर्थन में आयोजित धर्म रक्षा संत सम्मेलन कार्यक्रम की अनुमति रद किए जाने की मांग की थी। डीएम को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा कि आसाराम उनकी बेटी के बयान बदलवाने का दबाव डाल रहे हैं। मनोबल तोड़ने के लिए पहले भी धमकी दिलाई गई। पत्रिकाओं में बेटी समेत परिवार को बदनाम करने वाले मनगढं़त लेख छापे। अब शहर में आसाराम पोषित धर्म रक्षा मंच के माध्यम से संत सम्मेलन का आयोजन कर उनकी बेटी व परिवार को निशाना बनाया जा सकता है। देर रात सिटी मजिस्ट्रेट सीताराम गुप्त ने बताया कि पीड़ित परिवार की शिकायत मिली थी। इसलिए विवाद की आशंका को देखते सम्मेलन रद करने का फैसला लिया गया। इसे कड़ाई से लागू किया जाएगा।

छह महीने बाद बुलाया सम्मेलन

जोधपुर के मणाई आश्रम में 15 अगस्त रात दुष्कर्म की घटना हुई। 31 अगस्त की रात आसाराम इंदौर से गिरफ्तार हुए। छह माह बाद आसाराम के समर्थकों ने शाहजहांपुर में सम्मेलन करने का निर्णय लिया। हालांकि, मुकदमा दर्ज होने के तत्काल बाद सुरेशानंद समेत सैकड़ों समर्थकों ने शाहजहांपुर में आसाराम के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की थी।

जोधपुर के बाद शाहजहांपुर

आसाराम समर्थित धर्म रक्षा मंच के बैनर तले पिछले माह जोधपुर में भी धर्म रक्षा संत सम्मेलन आयोजित हुआ था। इस दौरान समर्थकों ने आसाराम की जमानत न होने पर जेल भरो आंदोलन की भी धमकी दी थी। यहां भी अभिनेता मुकेश खन्ना, चक्त्रपाणि, घनश्यामानंद समेत संतों ने उपस्थिति दर्ज कराई थी।

धर्म रक्षा मंच का सम्मेलन

धर्म रक्षा मंच का मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में है। रूपेश भाई नाम के जिस व्यक्ति ने प्रशासन से कार्यक्त्रम की परमीशन ली, उस पत्र में भी 95, तुलसी नगर सोसाइटी अपोजिट जुना वडाज अहमदाबाद का पता दर्शाया गया है। संस्था ने प्रदेश के विविध जनपदों समेत देश भर से आसाराम समर्थकों व संतों को बुलाया है। कार्यक्त्रम प्रभारी रूपेश भाई के अनुसार सम्मेलन में 100 संत और 2000 श्रद्धालु पहुंचेंगे।