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आसाराम ने सोफे पर अखबार बिछाकर गुजारी रात, जानिए पूरा हाल

आसाराम बापू को शनिवार रात करीब सवा बारह बजे इंदौर स्थित आश्रम से गिरफ्तार कर एयरपोर्ट लाया गया। यूं तो इंदौर एयरपोर्ट पर रात को ज्यादा सरगर्मी नहीं होती, लेकिन शनिवार रात कुछ अलग थी। आसाराम के लिए तो बहुत लंबी। फूलों से सजी कुटिया में शानदार सेज पर विराजने वाले आसाराम एयरपोर्ट के सोफे पर का

By Edited By: Updated: Mon, 02 Sep 2013 02:50 PM (IST)
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रुमनी घोष, इंदौर: आसाराम बापू को शनिवार रात करीब सवा बारह बजे इंदौर स्थित आश्रम से गिरफ्तार कर एयरपोर्ट लाया गया। यूं तो इंदौर एयरपोर्ट पर रात को ज्यादा सरगर्मी नहीं होती, लेकिन शनिवार रात कुछ अलग थी। आसाराम के लिए तो बहुत लंबी। फूलों से सजी कुटिया में शानदार सेज पर विराजने वाले आसाराम एयरपोर्ट के सोफे पर कागज बिछाकर सुबह का इंतजार कर रहे थे। जोधपुर पुलिस के अफसर भी घड़ी देखते, हिदायतें देते हुए एअर इंडिया की फ्लाइट एआइ 635 के उड़ान भरने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

सुबह पांच बजे से ही यात्री एयरपोर्ट पहुंचने लगे थे। आसाराम के कारण एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा थी। एअरपोर्ट पर हर निगाह सिर्फ आसाराम को तलाश रही थी। सात बजे के लगभग बोर्डिग के लिए एनाउंसमेंट होना शुरू हुआ। वहां पर कुछ मीडिया के लोग पहुंच गए थे और कुछ आसाराम के समर्थक। आसाराम के बेटे नारायण साई को उनके साथ जाने की इजाजत पुलिस ने नहीं दी। वह बाद में इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे और फिर वहां से जोधपुर के लिए रवाना हुए।

पिछले दरवाजे से प्लेन में दाखिल विमान का सिर्फ अगला गेट यात्रियों के खोला गया था। यात्री विमान में सवार होकर उन्हें तलाश ही रहे थे कि विमान के पिछले गेट से छह पुलिसकर्मी आसाराम को लेकर दाखिल हुए। विमान में हलचल शुरू हो गई। सब यात्री सीट छोड़कर खड़े हो गए। आसाराम के लिए खिड़की की सीट तय थी। उसके बाद दो पुलिस अधिकारी। हमारे साथ मीडिया के कुछ लोग भी अपनी सीट छोड़कर उनके आसपास खाली सीटों पर आ जमे। तभी विमान के कप्तान की आवाज गूंजी और सीट बेल्ट बांधने के निर्देश का आसाराम ने पालन किया। तयशुदा समय पर विमान ने उड़ान भरी, आसाराम की आंखें बंद थीं। होंठ कुछ बुदबुदा रहे थे। शायद वे संकट की इस घड़ी में राम नाम या हरि ओम जप रहे थे। चंद पलों में विमान आसमान से बातें करने लगा।

सवालों की बौछार

सीट बेल्ट से आजादी मिलते ही मीडियाकर्मी लपक पड़े। कैमरे ऑन। फ्लैश पर फ्लैश, दनादन सवाल। अक्सर सवाल करने पर बरस पड़ने वाला 72 साल का ये शख्स सूनी आंखों से, कातर नजरों से बस निहार रहा था। चेहरे से टपकती थकान, रातभर की नींद के बोझ से सूजी आंखें, चेहरे पर उम्र की झुर्रियों से ज्यादा नुमाया चिंता की लकीरें। कितने लाचार लग रहे थे आसाराम। इतने में पुलिस अफसरों ने मीडिया के बीच आने की कोशिश की, एअर होस्टेस भी लपकीं। आसाराम के दर्जन भर समर्थक भी बीच में कूद पड़े। झड़प सी होने लगी। तब तक कप्तान ने सबको सीट पर बैठने, सीट बेल्ट्स बांधने की हिदायत दी। आसाराम बोले, शांति रखिए। सब अच्छा होगा। मैंने किसी का बुरा नहीं किया। मेरा बुरा कैसे हो सकता है। भगवान पर यकीन रखिए। यात्री अपने मोबाइल फोन के कैमरे से आसाराम की तस्वीरें उतार रहे थे, वीडियो बना रहे थे। आसाराम आंखें मूंदे बैठे थे और फ्लाइट के मुसाफिरों के बीच चर्चा का विषय बने हुए थे।

और पहुंच गए दिल्ली

विमान दिल्ली पहुंच गया। जरूरी हिदायतों के साथ नौ बजकर पांच मिनट पर विमान उतर गया। पहले बाकी मुसाफिरों को विमान से उतारा गया। उसके बाद बैटरी कार में आसाराम को बैठाकर पुलिस अधिकारी आइजी एयरपोर्ट के वीआइपी लाउंज में ले गए। दिल्ली में इंदौर के मुकाबले पुलिस ज्यादा चुस्त थी। पौन घंटा वीआइपी लाउंज में गुजारने के बाद उन्हें जोधपुर की फ्लाइट से रवाना किया गया।

पिया गिलास भर दूध

शनिवार को आसाराम ने कहा था कि अगर पुलिस ने गिरफ्तार किया, तो अन्न-जल त्याग दूंगा। प्राण छोड़ दूंगा। लेकिन पुलिस हिरासत में आए, तो समझ आया कि हालात का मुकाबला खाली पेट नहीं होगा। आसाराम ने आइजी एयरपोर्ट पर गिलास भर दूध पिया।

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