सलाखों के पीछे पहुंचे आसाराम, जमानत पर फैसला आज
नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में फंसे कथावाचक आसाराम बापू की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को एक दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद आसाराम को जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया, लेकिन शुरुआती जांच पूरी हो जाने की वजह से पुलिस ने आसाराम को रिमांड पर भेजने की मांग नहीं की। जज मनोज कुमार व्यास ने उन्हें 15 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
By Edited By: Updated: Tue, 03 Sep 2013 07:59 AM (IST)
जागरण संवाददाता, जोधपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में फंसे कथावाचक आसाराम बापू की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को एक दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद आसाराम को जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया, लेकिन शुरुआती जांच पूरी हो जाने की वजह से पुलिस ने आसाराम को रिमांड पर भेजने की मांग नहीं की।
पढ़ें: बोले आसाराम, पोती जैसी शिष्या के साथ एकांतवास गुनाह है कक्याजज मनोज कुमार व्यास ने उन्हें 15 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।पढ़ें: विवादों के बापू आसारा
जोधपुर के डीसीपी अजयपाल लांबा ने बताया, 'आसाराम के खिलाफ 'बेहद पुख्ता' सुबूत हैं। जांच सही दिशा में चल रही है, इसे पूरा होने में कुछ समय और लगेगा। आसाराम की बीमारी की बात झूठी है। डॉक्टरों के दल ने जांच के बाद उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ करार दिया है।' पुलिस ने दो दिन तक पूछताछ के बाद आसाराम के खास सेवादार शिवा को भी गिरफ्तार कर लिया है।अदालत के फैसले के बाद आसाराम के समर्थकों ने अदालत परिसर के बाहर जमकर हंगामा किया। आसाराम को अदालत से जोधपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया। वहां भी उनके समर्थक पहुंच गए और हंगामा करने लगे। स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी। जेल में आसाराम को एक अलग कमरे में रखा गया है। उन्हें एक कंबल, प्लास्टिक का मग, एक थाली और चटाई मिलेगी। आसाराम की जमानत के लिए उनके वकील ने कोर्ट में अर्जी लगाई है, जिसपर आज मंगलवार को सुनवाई होनी है।
गौरतलब है कि आसाराम ने अदालत में और जेल में आसाराम के बजाय आसूमल नाम से हस्ताक्षर किए हैं। कोर्ट में पेश करने से पहले और जेल पहुंचने के बाद आसाराम का मेडिकल परीक्षण किया गया, जिसमें वे स्वस्थ पाए गए। सोमवार सुबह दिल्ली से सुप्रीम कोर्ट के चार वकील जोधपुर पहुंचे और करीब आधा घंटे तक आसाराम के साथ विचार-विमर्श किया। आसाराम समर्थकों के हंगामा करने और माहौल बिगड़ने के भय से पुलिस ने एक व्यक्ति को नकली आसाराम बनाकर टवेरा कार में बिठाकर जेल पहुंचाया। इसे ही असली आसाराम समझकर आसाराम के समर्थक हंगामा करने लगे, जिन्हें हल्का बलप्रयोग कर पुलिस ने हटा दिया। बाद में कोर्ट से जोधपुर सेंट्रल जेल तक आसाराम को कैदियों वाली बस में ले जाया गया। पहले तो आसाराम ने इस बस में बैठने से इन्कार किया, लेकिन बाद में पुलिस की सख्ती पर वे आगे ड्राइवर के पास बैठने को तैयार हुए। हालांकि, पुलिस ने इसकी भी अनुमति नहीं दी तो वे बस में फर्श पर चटाई बिछाकर बैठे। अदालत में पेश करने से पहले पुलिस ने करीब तीन घंटे आसाराम से अकेले में पूछताछ की। फिर उनके खास सेवादार शिवा के साथ आमने-सामने पूछताछ कराई गई।आसाराम को शनिवार मध्य रात्रि में इंदौर आश्रम से गिरफ्तार करके रविवार को जोधपुर लाया गया था। रविवार को ही चार घंटे तक पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आसाराम को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। इस तरह बढ़ी बापू की मुसीबत:-आसाराम ने कुटिया में एकांत में छात्रा से मिलने से इन्कार किया, जबकि जांच में स्पष्ट हुआ कि वे छात्रा के साथ एक-डेढ़ घंटे तक अकेले थे।-पीडि़ता ने आश्रम के कमरे से बाहर बने शौचालय की हर एक वस्तु के बारे में सटीक जानकारी दी। -गुरुकुल छात्रावास की वार्डन ने छात्रा की तबीयत खराब होने और भूत-प्रेत का साया होने की जानकारी परिजनों को दी थी। जांच में सामने आया कि छात्रा बीमार थी ही नहीं। उसे षड्यंत्र के तहत ही आसाराम के पास भेजा गया था।-आसाराम तथा उनके सेवादार शिवा के अलावा वार्डन शिल्पी से पुलिस अलग-अलग पूछताछ कर चुकी है। बाबा से पूछताछ में यह संकेत मिले कि शिवा भी साजिश में शामिल है। उसी ने छात्रा को यहां भिजवाया था।
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