Move to Jagran APP

खेमका और कासनी को मिल सकती है नई जिम्मेदारी

रियाणा के बदले सियासी निजाम में अफसरशाही का चेहरा बदलना स्वाभाविक बात है। नए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के शपथ लेते ही राज्य के पुलिस व प्रशासनिक ढांचे में बदलाव होना तय है। सबसे ज्यादा उत्सुकता मुख्यमंत्री सचिवालय में लगाए जाने वाले अफसरों को लेकर है।

By Edited By: Updated: Thu, 23 Oct 2014 05:35 PM (IST)
Hero Image

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के बदले सियासी निजाम में अफसरशाही का चेहरा बदलना स्वाभाविक बात है। नए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के शपथ लेते ही राज्य के पुलिस व प्रशासनिक ढांचे में बदलाव होना तय है। सबसे ज्यादा उत्सुकता मुख्यमंत्री सचिवालय में लगाए जाने वाले अफसरों को लेकर है।

खट्टर सरकार में आईएएस अधिकारी अशोक खेमका और प्रदीप कासनी के भी अच्छे दिन आने की उम्मीद की जा रही है। माना जा रहा है कि भाजपा सरकार इन दोनों अधिकारियों को मुख्यमंत्री सचिवालय में अतिरिक्त प्रधान सचिव बना सकती है। कासनी तो खट्टर के विधायक दल का नेता चुने जाने की प्रक्रिया के दौरान से उनके साथ नजर आ रहे हैं।

बुधवार को कासनी दिल्ली में भी भाजपा नेताओं के साथ रहे। आईएएस अशोक खेमका को यदि किसी कारण मुख्यमंत्री सचिवालय में एडजस्ट नहीं किया जा सका तो उन्हें केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा सकता है। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ डील को खारिज करने के कारण सुर्खियों में आए खेमका ने पिछले दिनों केंद्र में जाने की इच्छा जाहिर की थी।

ईमानदार अफसरों की तलाश

प्रदीप कासनी ने हुड्डा सरकार द्वारा विभिन्न आयोग में की गई नियुक्तियों को गैर वाजिब ठहराते हुए विरोध किया था। प्रदेश सरकार उन ईमानदार अफसरों की तलाश में भी जुटी है, जिन्होंने तत्कालीन शासनकाल की अनियमितताएं उजागर की हैं।