अश्विनी कुमार की बेआबरू विदाई
कोयला घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार से सरकार को काफी शर्मिदगी का सामना करना पड़ा। इस शर्मिदगी के सूत्रधार थे कानून मंत्री अश्विनी कुमार, जिन पर आरोप है कि उन्होंने कोयला घोटाले पर सीबीआइ की स्टेटस रिपोर्ट में बदलाव करवाए थे। इस मामले में विपक्ष कानून मंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहा है।
नई दिल्ली। कोयला घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार से सरकार को काफी शर्मिदगी का सामना करना पड़ा। इस शर्मिदगी के सूत्रधार थे कानून मंत्री अश्विनी कुमार, जिन पर आरोप है कि उन्होंने कोयला घोटाले पर सीबीआइ की स्टेटस रिपोर्ट में बदलाव करवाए थे। इस मामले में विपक्ष कानून मंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री अपने चहेते अश्विनी कुमार के पीछे पूरी मजबूती से खड़े रहे और कुमार को कानून मंत्री के पद से हटाकर दूसरे मंत्रालय में भेजने के विकल्प पर विचार किया। इसके बावजूद अश्विनी कुमार को आखिरकार इस्तीफा देना ही पड़ा।
26 अक्टूबर 1952 को दिल्ली में जन्में अश्विनी कुमार ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1976 में पंजाब के गुरुदासपुर जिले से बतौर जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव से की थी। इसके बाद कुमार का राजनीतिक कैरियर ग्राफ बढ़ता गया और 1999 में उन्हें कांग्रेस ने अपना प्रवक्ता नियुक्त किया। इस पद पर वह एक साल तक काबिज रहे। सन 2002 में उन्हें राज्य सभा के लिए चुना गया। अपने राजनीतिक कौशल के चलते कुमार ने पार्टी में दी गई जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। अक्टूबर 2012 में वे कांग्रेसनीत यूपीए-2 सरकार में कानून मंत्री बनाए गए।