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पहली बार पीरियड आने पर यहां लड़कियों के साथ होता है ऐसा

यह अनोखी परंपरा असम के बोगांइ गांव जिले के सोलमारी में मनाई जाती है जो कि सालों से चली आ रही है।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Tue, 21 Jun 2016 09:04 PM (IST)

दिसपुर। एक किशोरी लड़की को पहली बार पीरियड आना जहां चिंता और दर्द भरा अनुभव होता है, वहीं भारत में एक ऐसी जगह है जहां पहली बार लड़की को पीरियड आने पर जश्न मनाया जाता है। यह अनोखी परंपरा असम के बोगांइ गांव जिले के सोलमारी में मनाई जाती है जो कि सालों से चली आ रही है। आज भी इस परंपरा को जारी रखा गया है।

बीबीसी की खबर के मुताबिक यहां जब लड़की को पहली बार पीरियड आता है तो उसके माता-पिता उसकी शादी केले के पेड़ से करवा देते हैं। इस अनोखी शादी को तोलिनी ब्याह कहा जाता है। यह शादी तब की जाती है जब लड़की अपनी किशोरावस्था में कदम रखती है। उसके बाद जब पहला पीरियड आता है।

यह तोलिनी ब्याह पीरियड के पहले दिन ही किया जाता है। उसके बाद लड़की को ऐसे कमरे में रहना होता है जहां सूरज की रोशनी न पड़ें।

इतना ही नहीं उसे पका हुआ खाना देने की अनुमति नहीं है। उसे केवल कच्चा दूध, फल खाने को दिए जाते हैं। पीरियड्स के दौरान उसे जमीन पर सोना होता है और वह किसी का चेहरा तक नहीं देख सकती है।

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