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जन जागरण परिसंवाद

राजनीति में अपराधी और सामाजिक राजनीतिक विचार पर इसका असर राजनीति में अपराधियों का दखल नई बात नहीं रह गई है। हालिया आंकड़े बताते हैं देश के दो सबसे बड़े राजनीतिक दलों ने करीब 30त्‍‌न प्रत्याशी अपराधिक पृष्ठभूमि के ही उतारे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट राजनीति के अपराधीकरण को लेकर काफी सख्ती दिखा चुका है। अपराधी छवि के

By Edited By: Updated: Mon, 24 Mar 2014 03:55 PM (IST)

राजनीति में अपराधी और सामाजिक राजनीतिक विचार पर इसका असर

राजनीति में अपराधियों का दखल नई बात नहीं रह गई है। हालिया आंकड़े बताते हैं देश के दो सबसे बड़े राजनीतिक दलों ने करीब 30 प्रत्याशी अपराधिक पृष्ठभूमि के ही उतारे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट राजनीति के अपराधीकरण को लेकर काफी सख्ती दिखा चुका है। अपराधी छवि के नेता देश के लिए बड़ी समस्या हैं।

यदि कोई देश सचमुच भ्रष्टाचार से मुक्ति पाना चाहता है और खुद को बेहतर सोच वाले लोगों के देश में तब्दील करना चाहता है, तो गंभीरतापूर्वक मेरा मानना है कि ऐसा बदलाव लाने के लिए समाज के तीन सदस्यों का योगदान बहुत जरूरी है। इन तीनों में पिता, माता और गुरु शामिल हैं।

- एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व राष्ट्रपति

अक्सर यह कहा जाता है कि सत्ता भ्रष्ट करती है। लेकिन कमजोरी भी लोगों को भ्रष्ट बनाती है। ताकत तो केवल कुछ लोगों को भ्रष्ट बनाती है जबकि कमजोरी बहुत लोगों को भ्रष्टाचार के शिकंजे में जकड़ती है। नफरत, निंदा, निर्दयता, असहिष्णुता और शंका कमजोरी के दोष होते हैं। कोई कमजोर व्यक्ति अपने प्रति हुए किसी अन्याय को लेकर रोष नहीं प्रकट करता बल्कि ऐसा कदम वह तब उठाता है जब उसे अपनी अपर्याप्तता और शक्तिहीनता का अहसास होता है।

-एरिक होफर,

जाने माने अमेरिकी सामाजिक दार्शनिक

वार्ताकार

- सुभाष चंद्र अग्रवाल- आरटीआइ

कार्यकर्ता

- विजेंद्र गुप्ता- पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी

- मुकेश शर्मा- मुख्य प्रवक्ता, दिल्ली

कांग्रेस कमेटी

-आशीष तलवार-प्रदेश संयोजक, आम आदमी पार्टी

- नसीब सिंह- पूर्व विधायक एवं सेक्रेटरी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी