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कांग्रेस का पीएम मोदी पर हमला, सदन का महत्व नहीं है तो बंद कर दें संसद

राज्यसभा में कश्मीर मुददे पर बोलते हुए कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब से भाजपा ने कदम रखे हैं तब से हालात बदतर हुए हैं।

By kishor joshiEdited By: Updated: Wed, 10 Aug 2016 12:53 PM (IST)
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नई दिल्ली (जेएनएन)। कांग्रेस ने आज संसद में केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर सदन का महत्व ही नहीं है तो संसद को बंद कर दें। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर को केवल उसकी खूबसूरती के लिए ही प्यार ना करो बल्कि वहां के लोगों के कारण भी उसे प्यार करो। उन बच्चों और लोगों से प्यार करो जिन्होंने प्रदर्शनों में अपनी आखें खो दी हैं।

कश्मीर मुद्दे पर आज राज्यसभा में चर्चा के दौरान काग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ‘कश्मीर मुद्दे पर सदन में चर्चा की अनुमति मिलने के लिए विपक्ष की ओर से गृह मंत्री का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। पीएम संसद में मौजूद होने के बावजूद भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाहियों में भाग नहीं ले रहे हैं। पीएम सदन में नहीं लेकिन तेलंगाना में दलितों पर बोल रहे हैं। पीएम को कश्मीर मुद्दे पर सदन में बोलना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि हमने बार-बार मांग की है कि पीएम को कश्मीर और दलित जैसे मुद्दों पर संसद में बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा कश्मीर में हर कोई आतंकवाद का शिकार है। हम में से कई लोगों ने कश्मीर के आतंकवाद में अपने प्रियजनों को खो चुके हैं। आतकंवादी एक आतंकवादी होता है। वो किसी धर्म का नहीं होता। भले ही फिर वो कश्मीर का हो या पंजाब का। वहाँ सांप्रदायिकता और अलगाववाद के बीच एक अंतर है।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कानून और व्यवस्था कश्मीर पुलिस की एकमात्र जिम्मेदारी नहीं है, अर्धसैनिक बल भी उसमें शामिल हैं। आप कहते हैं जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन भारत और जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच दिलों को एक करने की जरूरत है। आप दिल से बात करते हैं तो ये संदेश कश्मीर में लोगों तक पहुँचता है, लेकिन अगर आप सिर्फ जीभ से बात करते हैं, तो यह संदेश केवल संसद की दीवारों के भीतर रहता है। संप्रग शासन के दौरान हमने कई विश्वास बहाली पर उपाय किए हैं। संसद को कश्मीर में शांति के लिए लोगों को अपील करनी चाहिए। एक ऑल पार्टी डेलिगेशन को जम्मू-कश्मीर को भेजा जाना चाहिए और इसकी घोषणा भी संसद के दौरान की जानी चाहिए।

वहीं राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि कश्मीर में आज संवेदनशील हालात हैं, आज इस बात की जरूरत है कि हम सभी को वहां के लिए एक स्वर में बात करनी चाहिए।

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