आजम के प्रभाव में तीन आइपीएस का तबादला
रामपुर में आजम खां के प्रोटोकॉल की परवाह न कर थाना में पहुंचने के प्रकरण पर लखनऊ में कल बड़ी पंचायत के बाद तीन आइपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। यह तीनों तबादले आजम खां के प्रभाव में किए गए। गृह विभाग के मुताबिक पीएसी लखनऊ सेक्टर के डीआइजी गुलाब सिंह को मुरादाबाद का नया डीआइजी बनाया गया है, जबकि म
By Edited By: Updated: Fri, 30 May 2014 11:19 AM (IST)
लखनऊ। रामपुर में आजम खां के प्रोटोकॉल की परवाह न कर थाना में पहुंचने के प्रकरण पर लखनऊ में कल बड़ी पंचायत के बाद तीन आइपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। यह तीनों तबादले आजम खां के प्रभाव में किए गए।
गृह विभाग के मुताबिक पीएसी लखनऊ सेक्टर के डीआइजी गुलाब सिंह को मुरादाबाद का नया डीआइजी बनाया गया है, जबकि मुरादाबाद के डीआइजी दुर्गा चरण मिश्र को लखनऊ पीएसी सेक्टर भेजा गया है। रामपुर से हटाए गए पुलिस अधीक्षक राम कृष्ण भारद्वाज को पीएसी आजमगढ़ का सेनानायक बनाया गया है। ध्यान रहे कि रामपुर जिला मुरादाबाद रेंज में ही आता है। सूत्रों के मुताबिक मामले के दौरान डीआइजी और एसपी ने आजम खां की नहीं सुनी, इसी कारण उनको महत्वहीन पदों पर भेजा गया, जबकि गुलाब सिंह को भरोसे के नाते मुरादाबाद रेंज की कमान सौंपी गयी। आजम व पुलिस विवाद की जांच एसीओ को
रामपुर पुलिस के वरिष्ठ मंत्री मोहम्मद आजम खां की अनदेखी का मुद्दा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचा और प्रमुख सचिव गृह के साथ डीजीपी समेत जिले से लेकर रेंज और जोन के उच्च अफसर तलब किए गए। मुख्यमंत्री ने आजम खां की मौजूदगी में सबकी बाते सुनीं और अंतत: फैसला हुआ कि पूरे प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एसीओ) से कराई जाएगी। लगे हाथ मुरादाबाद रेंज का गुलाब सिंह को नया डीआइजी बना दिया गया है जो सपा के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके स्व. मोहन सिंह के भाई हैं। मुख्यमंत्री आवास पर प्रमुख सचिव गृह अनिल कुमार गुप्ता, डीजीपी एएल बनर्जी, बरेली जोन के आइजी के साथ मुरादाबाद के मंडलायुक्त व डीआइजी तथा रामपुर के डीएम समेत कई अधिकारी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने संबंधित अफसरों से बातचीत कर पूरा ब्योरा लिया। इस प्रकरण में पुलिस के असहयोग व भ्रष्टाचार की बात उठी तो वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मामले की जांच एसीओ से कराई जाए। उन्होंने पुलिस पर नियंत्रण के लिए भरोसेमंद अधिकारी गुलाब सिंह को मुरादाबाद रेंज का डीआइजी बनाने को कहा। आजम खां भी गुलाब सिंह को पसंद करते हैं। मुख्यमंत्री ने इन निर्देशों पर फौरन अमल के आदेश दिए। इस सभी उच्चाधिकारियों के बैठक से निकलते ही कार्रवाई में तेजी आ गयी और तबादलों से लेकर जांच के आदेश की प्रक्रिया पूरी होने लगी।
यह था पूरा प्रकरण रामपुर के अजीमनगर थाने की खौद चौकी पुलिस 18 मई को वाहन चेकिंग कर रही थी। तभी थाना टांडा के ग्राम पहाड़पुर के डा. मोहम्मद राशिद से पुलिस का विवाद हो गया। पुलिस उन्हें चौकी ले आई, जहां उनके परिवारीजन ने छुड़ाने का प्रयास किया। पुलिस ने डाक्टर व उनके परिवारीजन पर चौकी में घुसकर मारपीट का आरोप लगाते हुए तीन को गिरफ्तार कर लिया। डाक्टर राशिद, उनके अधिवक्ता भाई आरिफ और रिसालत अली के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज कर दिया। इस पर गांव के लोगों ने नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां से शिकायत की। गांव वालों ने पुलिस पर डाक्टर से मारपीट करने और हवालात में डालने का आरोप लगाया। शिकायत सुनकर आजम आधी रात में अजीम नगर थाने पहुंच गए। उन्हें तत्कालीन थानाध्यक्ष एमपी सिंह नशे में लगे। मंत्री के निर्देश पर उनका जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया। जिसमे शराब की पुष्टि हुई। बाद में एसओ का मुरादाबाद में भी मेडिकल कराया गया, जिसमें शराब की पुष्टि नहीं हुई। आजम खां ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी डाक्टर से मारपीट का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। एसपी आरके भारद्वाज मामले की जांच एएसपी को सौंप दी थी। इसके बाद 21 मई को आरके भारद्वाज हटा दिए गए। फिर 24 मई को आइजी जकी अहमद आए और नगर विकास मंत्री से मिले। आइजी ने एएसपी को जांच जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। 27 मई को एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया। पढ़ें : आजम ने ली चुटकी, 'उदास क्यों हो भाई, अच्छे दिन आने वाले हैं'