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बाबा की काशी बमबम, देखा हर एक का दम

लोकसभा चुनाव के महासमर में परोक्ष और अपरोक्ष रूप से भी दिग्गजों की भिड़ंत से हॉट रही बनारस संसदीय सीट सतरंगी सियासी जंग तो कई आफ बीट प्रसंगों के लिए भी याद रहेगी। देश-दुनिया तो अपनी जाने लेकिन कई रोचक प्रसंग जो फक्कड़ी अंदाज के पहचाने जाने वाले काशीवासियों के जेहन में सदियों तक आबाद रहेगी। एक ओर

By Edited By: Updated: Tue, 20 May 2014 08:03 AM (IST)
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वाराणसी [प्रमोद यादव]। लोकसभा चुनाव के महासमर में परोक्ष और अपरोक्ष रूप से भी दिग्गजों की भिड़ंत से हॉट रही बनारस संसदीय सीट सतरंगी सियासी जंग तो कई आफ बीट प्रसंगों के लिए भी याद रहेगी। देश-दुनिया तो अपनी जाने लेकिन कई रोचक प्रसंग जो फक्कड़ी अंदाज के पहचाने जाने वाले काशीवासियों के जेहन में सदियों तक आबाद रहेगी। एक ओर जंग तो दूसरी तरफ उमंग तरंग और दंग कर देने वाले नजारों के श्वेत-श्याम कई पहलू आंखों से ओझल न होंगे।

काशी लोकसभा के 16वें चुनाव में सत्ता की धुरी बनी। बड़े कहे जाने वाले नेताओं ने भी काशी में आम कार्यकर्ता की तरह सड़कें नापीं तो चुनाव प्रचार के लिए गुजरात समेत पूरा देश ही उतर आया। देश विदेश से मीडिया आई और काशी अंतराष्ट्रीय फलक पर छाया।

कई तो निर्दलीय ही सही चुनाव लड़ने दूसरे प्रदेशों से काशी चले आए। बनारस सीट पर 72 नामांकन हुए। हालांकि बाद में राष्ट्रीय दलों के अलावा 36 निर्दलीय मैदान में थे। प्रत्याशियों में एक महिला और एक किन्नर का भी लोगों को विकल्प मिला।

प्रतीकों की राजनीति : पहली बार चुनाव में महामना भी याद किए गए। नरेंद्र मोदी ने नामांकन से पहले उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए तो सरदार पटेल की प्रतिमा को पुष्पहार पहनाए। अरविंद केजरीवाल ने गंगा स्नान कर दिल जीतने की कोशिश की तो नरेंद्र मोदी ने कहा मुझे तो मां गंगा ने ही बुलाया।

गैर राजनीतिक प्रस्तावक : यह भी पहली बार ही हुआ कि पर्चे भरने के लिए लीक से हट गैर राजनीतिक प्रस्तावक चुने गए। ख्यात शास्त्रीय गायक पं. छन्नूलाल मिश्र के साथ ही बुनकर व मल्लाह नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक बने।

फूल की जगह अंडे : बाबा का दर्शन कर निकले अरविंद केजरीवाल की गाड़ी पर कुछ कलुषित सोच के लोगों ने अंडे बरसाए। इसे एकराय से हरेक ने निंदनीय बताया।

थप्पड़ों की गूंज : चुनाव में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं की पिटाई भी चर्चा में रही। अस्सी पर पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती को भी थप्पड़ पड़े। नित पिटाई से आजिज अरविंद केजरीवाल को अस्सीघाट पर ही योग साधना पर बैठना पड़ा।

जलवा रोड शो का : अरविंद केजरीवाल ने तो अमूमन हर दूसरे-तीसरे दिन रोड शो किए तो नरेंद्र मोदी ने नामांकन में ही बड़ी लकीर खींच दी। दूसरी बार नगर आगमन भी रोड शो ही रहा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व राहुल गांधी भी रोड शो के लिए ही आए।

सभा के लिए नगर से दूरी : आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को छोड़ दें तो किसी भी दल के अग्रिम पंक्ति के नेता ने नगर की सीमा में जनसभा नहीं की। नरेंद्र मोदी ने रोहनिया में सभा की तो बेनियाबाग में इजाजत ही नहीं मिली। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव हवाई अड्डे के बाहर (मछलीशहर संसदीय क्षेत्र) से बनारस के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उड़ते बने। बसपा सुप्रीमो मायावती का संबोधन बनारस के गौराकला गांव (चंदौली संसदीय क्षेत्र) में हुआ। राहुल बनारस के सथवां गांव (चंदौली संसदीय) से पाला छूकर निकल लिए।

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