मौसम की करवट से फसलें बर्बाद, पहाड़ों में दुश्वारियां
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने के कारण समूचे उत्तर भारत में मौसम का मिजाज लगातार बिगड़ा हुआ है। शनिवार को इसके प्रभाव का दायरा उत्तर भारत के पहाड़ी अंचल से फैलता हुआ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा उसके आसपास के जिलों तक पहुंच गया। शनिवार शाम पूरे राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र ठंडी
By Test2 test2Edited By: Updated: Sun, 08 Mar 2015 11:29 AM (IST)
नई दिल्ली । पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने के कारण समूचे उत्तर भारत में मौसम का मिजाज लगातार बिगड़ा हुआ है। शनिवार को इसके प्रभाव का दायरा उत्तर भारत के पहाड़ी अंचल से फैलता हुआ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा उसके आसपास के जिलों तक पहुंच गया। शनिवार शाम पूरे राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र ठंडी हवाओं के साथ तेज बारिश हुई और जाती हुई ठंड एक बार फिर लौट आई।
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों की बर्बादी देखकर उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के तीन किसानों की सदमें से मौत हो गई जबकि एक ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। वहीं हिमाचल में हिमखंड के नीचे दब कर एक व्यक्ति की मौत हो गई। पानीपत में फैक्टरी की दीवार गिरने से युवती की मौत हो गई। हरियाणा के जींद में आसमानी बिजली गिरने से एक बैल मर गया और चार लोग घायल हो गए। हिमाचल प्रदेश मार्च के दौरान ही इस बार इतनी बारिश हो गई है कि छह साल का रिकार्ड टूट गया। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक सशक्त पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 12 घंटों में यानी रविवार सुबह तक अरब सागर में इसका प्रभाव होगा। ऐसे में अरब सागर की ओर से आने वाली हवाएं अपने साथ काफी मात्रा में नमी लेकर आएगी और अगले दो-तीन दिनों में अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है जम्मू-कश्मीर। यहां पिछले पांच दिनों से बारिश और हिमपात का सिलसिला जारी है। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग भी पांच दिन बाद एकतरफा यातायात के लिए खुल गया। इस कारण वादी का शेष देश से व्यापार भी बाधित हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, ऊपरी इलाकों व जोजिला के आस-पास हिमस्खलन और बर्फीले तूफान का भी खतरा बना हुआ है। पहाड़ों से आती ठंडी हवाओं और बादलों ने शीतलहर के प्रकोप को बनाए रखा। इस बीच, पांच दिनों से बंद श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को भी एकतरफा यातायात के लिए खोल दिया गया। शनिवार को पंजाब और हरियाणा में भी मौसम का यही हाल देखने को मिला। पंजाब के कई जिलों में दिन भर बादल छाए रहे और रुक-रुक कर बारिश होती रही। बारिश से ठंड भी फिर से बढ़ गई है और तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। इंडिया मैट्रोलॉजी डिपार्टमेंट चंडीगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष मार्च के प्रथम सप्ताह में अब तक पंजाब भर में औसत 41.2 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। यह पांच साल में पूरे मार्च माह में हुई बारिश के रिकार्ड में सर्वाधिक है। सर्वाधिक बारिश अमृतसर में 77 मिलीमीटर दर्ज की गई। मौमस विभाग की मानें तो आठ और नौ मार्च को भी बारिश होने की संभावना है। 13 मार्च को फिर से बारिश होने की संभावना है।