जानिए इन बलूच नेताओं की जुबानी, कैसे अपने ही लोगों पर जुल्म ढा रहा है पाक
पाकिस्तान किस तरह से अपने ही लोगों पर जुल्मो-सितम ढा रहा है, इसका उदाहरण बलूचिस्तान में देखने को मिल रहा है।
नई दिल्ली (एएनआई)। कश्मीर को लेकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले पाकिस्तान के खुद के घर में हालात इतने खराब हैं कि लोग अब सड़कों पर आकर पाकिस्तान से आजादी मांग रहे हैं। बलूचिस्तान रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) के प्रमुख और बलूचों के शीर्ष नेता बरहुमदाग बुगती ने कहना है कि ऐसा कोई हफ्ता नहीं होता है जब बलूचिस्तान में लोगों की रहस्यमय गुमशुदगी या अपहरण होता हो और बाद में उनकी डैड बॉडी मिलती है।
इससे पहले बुगती ने बलूचिस्तान का मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की तारीफ भी की थी। बुगती का कहना है कि पाकिस्तान का मुख्य ध्यान डेरा बुगती और ग्वादर (बलूचिस्तान) है जहां वह आर्मी कैंट का निर्माण किया जा रहा है तांकि स्थानीय लोगों की आवाज को कुचला जा सके। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना पहले लोगों का अपहरण कर उन्हें टॉर्चर करके छोड़ देती थी, लेकिन अब अपहरण कर टॉर्चर तो करती ही है लेकिन फिर उन्हें मार कर फेंक देती है।
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बुगती का कहना है, "जो लोक विरोध करते हैं, उनका उत्पीड़न किया जाता है, जिससे वो बलूचिस्तान छोड़ने को मजबूर हो जाएं। पाकिस्तान सेना का उद्देश्य इस क्षेत्र में चीनी कंपनियां स्थापित करना है। पाकिस्तान द्वारा पिछले कई वर्षों से आर्मी की तैनाती कर यहां के लोगों का दमन किया जा रहा है।" बुगती ने बताया कि मीडिया में मुद्दा ना आए इसलिए लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वार्ता समितियों का गठन किया जाता है।
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वहीं यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र मानविधाकार परिषद में बलूच प्रतिनिधि मेहरान मर्री ने एएनआई से बात करते हुए बताया कि बलूचिस्तान में हालात बहुत खराब हैं और बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के जुल्म बढ़ते जा रहे हैं।
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मेहरान ने बताया, "जब से नवाज शरीफ सरकार सत्ता में आई है तब से पाक आर्मी ने बलूचिस्तान में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। बलूच युवाओं का प्रतिदिन अपहरण हो रहा है, और लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पाकिस्तान हमारे जैसे लोगों से डरता है क्योंकि हम यूएन को वहां हो रहे मानवाधिकार हनन की जानकारी देते हैं।" मेहरान ने बताया कि बलूच लोगों के लिए चीन सबसे बड़ा खतरा है।