हड़ताली कर्मियों के सामने नहीं झुकेगी केंद्र सरकार
ज्यादा पेंशन व वेतन को लेकर सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल से देश भर में लाखों लोग परेशान हैं, लेकिन केंद्र सरकार इनकी मांगें मानने के मूड में नहीं है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को तंज भरे लहजे में हड़ताली कर्मचारियों से कहा कि बैंकों का सारा मुनाफा वेतन में नहीं बांटा जा सकता।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ज्यादा पेंशन व वेतन को लेकर सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल से देश भर में लाखों लोग परेशान हैं, लेकिन केंद्र सरकार इनकी मांगें मानने के मूड में नहीं है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को तंज भरे लहजे में हड़ताली कर्मचारियों से कहा कि बैंकों का सारा मुनाफा वेतन में नहीं बांटा जा सकता। यूनियनों ने वित्त मंत्री के इस बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार 10,000 करोड़ रुपये का लाभांश ले सकती है, मगर बैंककर्मियों के वेतन भत्ते में संयुक्त तौर पर 3,000 करोड़ रुपये की वृद्धि को बहुत ज्यादा मान रही है।
देश के 26 सरकारी बैंकों, 12 निजी और 57 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारी सोमवार से दो दिनों की हड़ताल पर हैं। 26 सरकारी बैंकों में लगभग 8.5 लाख कर्मचारी हैं, जबकि 57 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कर्मचारियों की संख्या 70 हजार के करीब है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के तत्वाधान में पिछले एक महीने के भीतर श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के साथ हड़ताल को लेकर कई स्तर पर बातचीत हुई थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया।