बैंकों को करना चाहिए विजय माल्या के प्रस्ताव पर विचारः एसोचैम
भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसौचैम) ने विजय माल्या का बचाव करते हुए बैंकों को सलाह दी है कि उन्हें माल्या के प्रस्ताव पर विचार कर अपने घाटे को पूरा करना चाहिए।
नई दिल्ली। उद्योग एवं वाणिज्य संगठन एसोचैम ने उद्योगपति विजय माल्या का बचाव करते हुये आज कहा कि बैंकों को विलफुल डिफॉल्टरों के मुद्दे पर आम लोगों के दबाव में आये बिना श्री माल्या के प्रस्ताव पर विचार कर अपने घाटे की भरपाई करनी चाहिए। गौरतलब है कि बैंकों ने माल्या के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया दिया है जिसमें माल्या ने बैकों के 9000 करोड़ रुपये के बकाया में से 4000 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी।
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एसोचैम द्वारा जारी किए गए बयान में कहा कि श्री माल्या के प्रस्ताव से पता चलता है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए ऋण का भुगतान करना चाहते हैं। बयान में कहा गया है, “विलफुल डिफॉल्टरों के बारे में बैंकों एवं भारत सरकार को लोकमत एवं मीडिया रिपोर्टों के दबाव में आये बिना संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। बैंकों को खुले दिमाग से माल्या द्वारा किए गए ऑफर पर विचार करना चाहिए और अपना पैसा वापस लेकर घाटा पूरा करना चाहिए।"
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एसौचेम ने कहा है कि बैंकों का मुख्य ध्यान अपनी संपत्ति को वापस लाने पर केंद्रित होना चाहिए, जो अभी एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्तिया) बन गई हैं। और वास्तविक प्रयासों को अंत तक जारी रखना चाहिए। अपने बयान में एसोचैम ने कहा कि वर्तमान में सभी शेयरधारक और उद्योग जगत एक कठिन समय से गुजर रहे हैं। अपने बयान में एसौचैम ने कहा, "बिना सोचे समझे कोई निर्णय मत लीजिए, मीडिया और आम लोगों द्वारा किया जा रहा इस तरह का ट्रायल उद्योग जगत, बैंकों और यहां तक कि देश की वित्तीय प्रणाली के लिए भी अच्छा नहीं है।"
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